जनसुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने बिहार में शराबबंदी कानून पर सवाल उठाते हुए सीएम नीतीश कुमार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि बिहार जैसे गरीब राज्य में शराबबंदी के नाम पर जो फसाद खड़ा किया गया है इसकी वजह से करीब 20 हजार करोड़ रुपया नुकसान हो रहा है। बिहार की गरीब जनता का और यह रुपया बिहार के भ्रष्ट अफसरों, शराब माफिया के पास जा रहा है।
उन्होंने कहा कि बिहार में जमीन पर शराबबंदी कानून कहीं भी लागू नहीं है। शराबबंदी के नाम पर शराब की दुकान बंद कर दी गई है ।बाद में होम डिलीवरी चालू है। आप देख रहे हैं कि दुनियाभर में अमेज़न फ्लिपकार्ट है। आप घर से बैठे बैठे ऑर्डर करते हैं सामान घर पर आ जाता है। ठीक उसी तरह बिहार में जो नीतीश कुमार का शराबबंदी है वो अमेज़न और फ्लिपकार्ट मॉडल है। जिसमें शराब का दुकान बंद है और होम डिलीवरी चालू है।
उन्होंने कहा कि मैं उन कुछ लोगों में से हूं जो राजनीतिक सामाजिक तौर पर पहले दिन से कह रहा हूं कि मैं इस शराबबंदी के बिल्कुल विरोध में हूं हमारा बस चले तो 48 घंटे में इस शराबबंदी को हटा देंगे। इसके तीन वजह है शराबबंदी के जरिये आज तक दुनिया मे कहीं इस बात का प्रमाण नहीं है कि शराबबंदी के जरिये किसी समाज का आर्थिक सामाजिक विकास हुआ है। इस दुनिया मे कहीं ऐसा प्रमाण नहीं है अगर ऐसा होता तो दुनिया मे जो अग्रणी देश हैं उन सभी जगहों पर शराबबंदी लागू हो जाता।