महाराणा प्रताप की आदमकद प्रतिमा का लोकार्पण गुरुवार को सीएम नीतीश कुमार ने किया। राजधानी पटना के एसपी वर्मा रोड के मुहाने पर स्थित नवनिर्मित पार्क में इस आदमकद प्रतिमा को स्थापित किया गया है। लोकार्पण और माल्यार्पण के बाद सीएम नीतीश कुमार ने पार्क का निरीक्षण भी किया। इस दौरान सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि महाराणा प्रताप के जन्मदिन के अवसर पर हर वर्ष 9 मई को राजकीय समारोह का आयोजन किया जाएगा। देश में उनका बड़ा योगदान रहा है। नई पीढ़ी के लोगों को महाराणा प्रताप के बारे में सबकुछ मालूम हो, हमलोगों की यही कोशिश है। लेकिन इस समारोह के रंग में भंग अनावरण शिलापट्ट पर लिखे नामों के कारण आ गया।
महाराणा प्रताप की प्रतिमा का क्रेडिट लेने की होड़
पटना में महाराणा प्रताप की प्रतिमा लगाने की मांग पुरानी थी। सीएम नीतीश कुमार ने इसे मंजूरी भी दे दी थी। लेकिन प्रतिमा के लोकार्पण में क्रेडिट लेने की होड़ दिखी। दरअसल, प्रतिमा के अनावरण शिलापट्ट पर सीएम नीतीश कुमार का नाम तो रहा। लेकिन कार्यक्रम में मौजूद खाद्य आपूर्ति मंत्री लेशी सिंह का नाम गायब रहा। यह तब हुआ जब उन्होंने आने की सहमति दे दी थी। लेकिन इसके बावजूद शिलापट्ट पर उनका नाम नहीं था। सीएम के अलावा डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव, मंत्री विजय चौधरी और अशोक चौधरी का नाम दर्ज है। इनके ठीक नीचे जदयू एमएलसी संजय सिंह का नाम है। जबकि प्रोटोकॉल के हिसाब से लेशी सिंह का नाम भी होना चाहिए था और वो भी संजय सिंह के उपर। राजनीतिक गलियारों में इसे राजपूत राजनीति का फल मान रहे हैं। क्योंकि लेशी सिंह और संजय सिंह दोनों राजपूत जाति से आते हैं।
बजट सत्र के बाद सीएम जाएंगे यात्रा पर
वहीं तेलंगाना सीएम केसीआर की सभा में नहीं जाने के सवाल पर सीएम ने कहा कि हमको नहीं पता है। हमलोग तो दूसरे कामों में लगे हुए हैं। जिनको मौका मिला होगा, गए होंगे। अभी कोई बुलाए तो भी नहीं जा सकते हैं। समाधान यात्रा चल रही है। इसके बाद बजट सत्र होना है। एक बार सबसे मुलाकात हो ही चुकी है। बजट सत्र के बाद हमलोग फ्री हो जाएंगे और आगे जो करना होगा, उसे करेंगे।