पटना : बिहार में जातिगत गणना के बाद जिस बढ़े हुए आरक्षण को संविधान की नौवीं अनुसूची में डालने की बात तेजस्वी यादव कर रहे हैं, और जिसके लिए उनकी पार्टी ने एक दिन का धरना दिया था, फ़िलहाल वह नौवीं सूची में नहीं डाला जा सकता है। दरअसल, मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि आज की तिथि में जब यह कानून ही नहीं है तो 9वीं अनुसूची में शामिल करने की बात कैसे की जा सकती है? जेडीयू के प्रदेश कार्यालय में मंगलवार (03 सितंबर) को विजय कुमार चौधरी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे। इस मौके पर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा भी मौजूद थे।
आरक्षण को लेकर बिहार सरकार के मंत्री विजय चौधरी ने कहा है कि सीएम नीतीश कुमार ने बढ़े आरक्षण के दायरे को नौवीं अनुसूची मे डालने की अनुशंसा कर दी है। हमें उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला हमारे पक्ष में होगा। कानून बहाल होने के बाद हम नौवीं अनुसूची में डालने की अपील करेंगे। विजय कुमार चौधरी ने कहा कि जब इस कानून को पास किया गया था तो तत्काल मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर इसे नौवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए अनुरोध भी कर दिया था। सरकार इस मामले में कदम उठा चुकी है।
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मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि जो जातीय गणना हुई उसमें जो आंकड़े आए उसके आधार पर पिछड़ा, अति पिछड़ा और दलित समाज के लोगों के लिए बिहार सरकार ने नीतीश कुमार के नेतृत्व में आरक्षण की सीमा बढ़ाई। इसे सरकार ने लागू भी कर दिया। इससे लोगों को लाभ भी मिलने लगा। वहीं जिन लोगों को यह पसंद नहीं आया उन लोगों ने कोर्ट में इसके खिलाफ याचिका लगाई। कोर्ट ने उस कानून को निरस्त कर दिया। इसका अर्थ होता है कि वह कानून ही रद्द हो गया। आज के समय में वो कानून रद्द किया जा चुका है। विपक्ष पर हमला करते हुए विजय कुमार चौधरी ने कहा कि हमको आश्चर्य होता है कि जो लोग कहते हैं कि इस कानून को 9वीं अनुसूची में डाला जाए तो किस कानून को डाला जाए? आज तो वो कानून ही रद्द है, तो सबसे पहले समझने की बात है।
बिहार सरकार में मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि नीतीश कुमार की कार्यशैली से प्रभावित होकर आज बड़ी संख्या में लोग जेडीयू में शामिल हो रहे हैं। बिहार में नीतीश कुमार की अगुवाई में एनडीए सरकार लगातार विकास के कार्य कर रही है, जिससे जनता संतुष्ट तो है ही दूसरे दलों के नेता से लेकर कार्यकर्ता तक उत्साहित हैं। विजय चौधरी ने कहा कि आरजेडी ने जातिगत गणना को लेकर धरना दिया, लेकिन उनका मतलब सिर्फ राजनीति करना है।