नालंदा जिले में एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है। पावापुरी ओपी थाने में तैनात दारोगा हरे राम सिंह को उनके ही थाने की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। दारोगा पर शराब पीकर सरकारी काम में बाधा डालने और मारपीट करने का आरोप है।
मामला सोमवार का है जब पावापुरी ओपी थाने के दारोगा कारू रविदास सैनिक स्कूल रोड में गश्ती कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने तीन शराबियों को पकड़ा। पकड़े गए शराबियों में से एक विम्स अस्पताल के कैंटीन में काम करता था और दारोगा हरे राम सिंह का परिचित था। आरोप है कि दारोगा हरे राम सिंह अपने परिचित को छुड़ाने के लिए दबाव बना रहे थे और जब दारोगा कारू रविदास ने इनकार किया तो उन्होंने उनके साथ मारपीट की।
इस घटना के बाद सुरक्षा बलों की मदद से दारोगा हरे राम सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया। उन पर एससी-एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। दारोगा के साथ पकड़े गए तीनों शराबियों को भी न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने दी कार्रवाई को हरी झंडी
इस पूरे मामले की जानकारी वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को दी गई। उन्होंने दारोगा हरे राम सिंह की मेडिकल जांच करवाई जिसमें यह पुष्टि हुई कि उन्होंने शराब का सेवन किया था। इसके बाद वरिष्ठ अधिकारी के निर्देश पर दारोगा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।
पुलिस अधीक्षक ने क्या कहा
पावापुरी थानाध्यक्ष नारद मुनि सिंह ने बताया कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के निर्देश पर दारोगा कारू रविदास ने प्राथमिकी दर्ज कराई है। उन्होंने कहा कि पुलिस किसी भी अपराधी को बख्शेगी नहीं, चाहे वह कितना बड़ा अधिकारी क्यों न हो।
यह घटना पुलिस विभाग के लिए एक नजीर है। यह दिखाता है कि पुलिस किसी भी अपराधी को बख्शेगी नहीं, चाहे वह खुद का ही क्यों न हो। इस घटना से यह भी पता चलता है कि पुलिस विभाग में भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा