बिहार में 1 अक्टूबर, 2023 को हुई सिपाही भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए चार्जशीट दायर की है। इस मामले में मुख्य आरोपी संजीव मुखिया और उसके गिरोह के अन्य सदस्यों को गिरफ्तार किया गया था।
क्या है मामला?
1 अक्टूबर, 2023 को हुई सिपाही भर्ती परीक्षा का प्रश्न पत्र परीक्षा से कई घंटे पहले ही सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। इस गंभीर मामले की जांच EOU को सौंपी गई थी। EOU ने अपनी जांच में पाया कि यह पेपर लीक एक सुनियोजित साजिश का नतीजा था।
कौन हैं मुख्य आरोपी?
- संजीव मुखिया: पेपर लीक गिरोह का सरगना
- डॉ. शिव उर्फ बिट्टू: संजीव मुखिया का पुत्र और मुख्य सहयोगी
- अश्विनी रंजन उर्फ सोनू: मुख्य सहयोगी
- विक्की कुमार: गिरोह का सदस्य
- अभिषेक: गिरोह का सदस्य
- प्रिंटिंग प्रेस के मालिक और कर्मचारी: साजिश में शामिल
कैसे हुआ पेपर लीक?
- साजिश: संजीव मुखिया गिरोह ने प्रश्न पत्र की प्रिंटिंग और पैकिंग का काम संभालने वाली कंपनी के साथ मिलकर पेपर लीक की साजिश रची।
- प्रश्न पत्रों की चोरी: गिरोह के सदस्यों ने पटना स्थित वेयरहाउस से प्रश्न पत्रों को चुरा लिया और उन्हें सॉल्व करवाकर अभ्यर्थियों को बेचा।
- सोशल मीडिया पर वायरल: परीक्षा से पहले ही प्रश्न पत्रों की उत्तर कुंजी सोशल मीडिया पर वायरल हो गई।
EOU की जांच में क्या खुलासा हुआ?
- संगठित अपराध: EOU ने पाया कि यह गिरोह संगठित अपराध में शामिल है और पहले भी इस तरह के मामलों में शामिल रहा है।
- कोलकाता में 10 दिनों से सक्रिय: गिरोह के सदस्य प्रश्न पत्र लीक करने के लिए कोलकाता में 10 दिनों से सक्रिय थे।
- प्रिंटिंग प्रेस के साथ सांठगांठ: गिरोह ने प्रिंटिंग प्रेस के मालिकों और कर्मचारियों के साथ मिलकर यह काम किया।
- लॉजिस्टिक कंपनियों के कर्मचारी भी शामिल: प्रश्न पत्रों को परिवहन करने वाली लॉजिस्टिक कंपनियों के मुंशी भी इस साजिश में शामिल थे।
आगे की कार्रवाई
EOU ने सभी आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर कर दी है। अब इस मामले की सुनवाई अदालत में होगी।