बिहार के एक IPS अधिकारी पुष्कर आनंद पर शादी का झांसा देकर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली महिला डीएसपी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई के लिए तैयार हो गया है। इससे पहले, पटना हाई कोर्ट ने इस मामले में एफआईआर दर्ज करने से इनकार कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने मामले को गंभीर मानते हुए दो सप्ताह बाद सुनवाई की तारीख तय की है।
क्या है मामला?
यह घटना उस समय की है जब पुष्कर आनंद कैमूर जिले में एसपी के पद पर कार्यरत थे, और महिला डीएसपी उसी जिले में अपनी तैनाती के शुरुआती दिनों में थीं। पीड़िता ने आरोप लगाया कि एसपी पुष्कर आनंद ने सोशल मीडिया के जरिए दोस्ती की और शादी का वादा किया। दोनों के बीच शारीरिक संबंध भी बने, लेकिन बाद में आईपीएस अधिकारी के परिवार ने कुंडली न मिलने का हवाला देकर शादी से इनकार कर दिया।
कैसे शुरू हुआ मामला?
29 दिसंबर 2014 को कैमूर के महिला पुलिस थाने में पीड़िता ने आईपीएस पुष्कर आनंद और उनके माता-पिता के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। आरोपों में बलात्कार, आपराधिक धमकी और अपराध को बढ़ावा देने के मामले शामिल थे।
पटना हाई कोर्ट का फैसला
19 सितंबर 2024 को पटना हाई कोर्ट ने आईपीएस अधिकारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की याचिका खारिज कर दी। अदालत ने कहा कि महिला अधिकारी लंबे समय तक अपनी मर्जी से आईपीएस अधिकारी के साथ रिलेशनशिप में रहीं। हाई कोर्ट ने इस आधार पर आईपीसी की धारा 376 (दुष्कर्म) के तहत मामला दर्ज करने को अस्वीकार कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट का रुख
हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ महिला डीएसपी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। शीर्ष अदालत ने याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है। सुप्रीम कोर्ट इस मामले में दो सप्ताह बाद सुनवाई करेगा।