पूरे देश के साथ साथ बिहार में भी एक जुलाई से तीन नए आपराधिक कानून लागू हो जाएंगे। केंद्र सरकार ने इससे जुड़ी अधिसूचना शनिवार को ही जारी कर दी है। इधर इसको देखते हुए बिहार पुलिस मुख्यालय स्तर पर अपने 137 पुलिस अधिकारियों को इन तीन नए कानून की विस्तृत जानकारी प्रशिक्षण के ज़रिये दी जा रही है। इस बात की जानकारी AIG कल्याण विशाल शर्मा ने दी है। AIG के मुताबिक इस प्रशिक्षण का आयोजन वैसे तो बिहार पुलिस अकादमी राजगीर के द्वारा किया गया, लेकिन प्रशिक्षण देने का काम केंद्रीय गुप्तचर प्रशिक्षण संस्थान गाज़ियाबाद के अनुदेशकों के द्वारा दिया जा रहा है। वो भी BPRND दिल्ली के निर्देश पर …।
बताते चलें कि एक जुलाई से IPC जिसे ‘इंडियन पीनल कोड’ कहा जाता है, इसकी जगह ‘भारतीय न्याय संहिता’, ‘क्रिमिनल प्रोसीजर कोड’ CRPC की जगह ‘भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता’ और ‘एविडेंस एक्ट’ की जगह ‘भारतीय साक्ष्य अधिनियम’ लागू हो जाएगा।
नए कानून के लागू होने के बाद जो धाराएं अपराध की पहचान बन चुकी थीं’ उनमें भी बदलाव हो जाएगा। जैसे ह’त्या के लिए लगाई जाने वाली IPC की धारा 302 अब धारा 101 कहलाएगी। ठगी के लिए लगाई जाने वाली धारा 420 अब धारा 316 होगी। ह’त्या के प्रयास के लिए लगाई जाने वाली धारा 307 अब धारा 109 कहलाएगी। वहीं रे’प के लिए लगाई जाने वाली धारा 376 अब धारा 63 होगी। हालांकि ‘हिट एंड रन केस’ का संबंधित प्रावधान तुरंत लागू नहीं होगा। सबसे बड़ा बदलाव यह है कि अब ट्रायल कोर्ट को हर फैसला मैक्सिमम 3 साल में देना होगा।