राजद सुप्रीमो लालू यादव ने पिछले दिनों आरक्षण को लेकर कहा था कि मुस्लिम को पूरा आरक्षम मिलना चाहिए। जिसपर राजनीति सरगर्मी तेज हो गई। वहीं अब इसपर कांग्रेस ने सफाई दी है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा हम जाति के आधार पर आरक्षण देने के पक्षधर नहीं है। संविधान में जो नियम बना हुआ है उसके अनुसार ही आरक्षण देना सही है, धर्म के नाम पर नागरिकता देना संविधान के खिलाफ है जिसे भाजपा ने किया है। आरक्षण सामाजिक और आर्थिक पिछड़ेपन होने पर ही दिया जा सकता है। लालू के आरक्षण धर्म के आधार पर देने के बयान से कांग्रेस ने अपने आप को अलग किया, कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि बीजेपी लोगों की विषय से जुड़े हुए बात नहीं करती है पाकिस्तान को लेकर बात करना मुद्दे से भटकने वाली बात है।
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‘दक्षिण भारत में बीजेपी साफ और उत्तर भारत में हाफ हो चुकी है‘
जयराम रमेश ने आगे कहा कि लोकसभा के 369 सीटों पर चुनाव हो चुका है, शुरुआती दौर में ही साफ हो चुका था की दक्षिण भारत में बीजेपी साफ और उत्तर भारत में हाफ हो चुकी है, 4 जून को नतीजे हमारे पक्ष में आएगा, हमारे कार्यकर्ताओं में गजब का उत्साह है। बीजेपी की लहर को लेकर जयराम रमेश ने कहा कि बीजेपी की कोई लहर नहीं है, नाराजगी है युवाओं में, मजदूरों में, और उनके निशाने पर पीएम मोदी हैं।
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‘जातीय जनगणना पर चुप्पी कब तोड़ेगी बीजेपी‘
जातीय जनगणना को लेकर कांग्रेस नेता ने कहा कि पीएम मोदी ने अबतक जाती जनगणना पर अपनी चुप्पी नहीं तोड़ी है,पीएम स्पष्ट करें कि वे जाती जनगणना के पक्ष में हैं या विपक्ष में हैं? सुप्रीम कोर्ट ने 50 फीसदी आरक्षण की सीमा तय की थी, पीएम मोदी ये बताएं कि क्या वे इसे 50 फीसदी से आगे ले जाएंगे। हमारी गारंटी एक व्यक्ति की नहीं पार्टी की गारंटी है, तेलंगाना और कर्नाटक में किया वादा हमने पूरा किया है।
‘400 पार का मकसद क्या?‘
पीएम मोदी और एनडीए के तमाम नेता द्वारा लगातार 400 पार का नारा लगाया जा रहा है जिसपर जयराम रमेश ने पीएम मोदी से सवाल पूछा है कांग्रेस नेता ने कहा कि मोदी जी सवाल है, 400 पार का असल मकसद क्या है? 400 पार का लक्ष्य संघ का पुराना लक्ष्य है, इनका लक्ष्य मनुवादी संविधान लाने का है, योगी का पुराना लेख बताता है की वो किस तरह आरक्षण खत्म करना चाहते हैं, ये संविधान को बदलना चाहते हैं। पीएम मोदी जिस तरह मंदिर मस्जिद और हिंदू मुस्लिम की बात कर रहे हैं वो बता रहा है कि वो ध्रुवीकरण में लगे हैं और सांप्रदायिक रंग देने में लगे हैं।