बिहार के सीएम नीतीश कुमार 17 जनवरी से समाधान यात्रा के दूसरे राउंड के लिए निकलेंगे। इससे पहले सोमवार को उनका जनता दरबार लगा। नए साल में दूसरी बार जनता दरबार लगा। जिसमें ग्रामीण विकास, ग्रामीण कार्य, पंचायती राज, ऊर्जा, पथ निर्माण, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण, कृषि, सहकारिता, पशु एवं मत्स्य संसाधन, जल संसाधन, लघु जल संसाधन, नगर विकास एवं आवास, खाद्य उपभोक्ता संरक्षण, परिवहन,आपदा प्रबंधन, वन एवं जलवायु परिवर्तन, योजना विकास, भवन निर्माण, पर्यटन, सूचना एवं जनसंपर्क, वाणिज्य तथा सामान्य प्रशासन विभाग से संबंधित मामलों की सुनवाई हुई। ज्यादातर शिकायतों सरकारी अफसरों की मनमानी और लापरवाही से जुड़ी हुई थी। वही कई सरकारी योजनाओं की पोल भी खुली।
CM की आदेश का असर नहीं
जनता दरबार में कई बार ऐसे मामले सामने आते रहते है जहां मुख्यमंत्री के आदेश के बाद भी कार्रवाई ना किए जाने की शिकायतें पहुंची है। आज भी एक ऐसा ही मामला जनता दरबार में फिर से आया जिसे सुन कर पहले तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैरान हुए उसके बाद संबधित अधिकारी को कार्रवाई करने का निर्देश दिया। दरअसल मुंगेर से आई विनीता देवी की महिला ने बताया कि उसके पति उर्जा विभाग में काम करते थे। साल 2021 में उनका निधन हो गया। महिला ने बताया कि वो अनुकंपा पर नौकरी की मांग को लेकर 16 अगस्त 2021 को जनता दरबार में आई थी।
लेकिन अबतक उसे अनुकंपा पर नौकरी नहीं मिली है। महिला की शिकायत से साफ है कि अधिकारी मुख्यमंत्री के निर्देश को भी अनसुना करे दे रहे हैं। महिला की शिकायत सुन कर खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी हैरान रहा गए। उन्होंने तत्काल संबधित अफसर को कॉल लगाया और कड़क अंदाज में कहा कि जल्द ही इस मामले को देख लिया जाए।
नल-जल योजना की खुली पोल
जनता दरबार के ऐसी भी शिकायतें पहुंची जिससे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की महत्वकांक्षी नल-जल योजना की पोल खोल कर रखी दी। दरअसल मुजफ्फरपुर से आए फरियादी ने बताया कि उसके गांव को नल-जल योजना का लाभ मनहिं मिल रहा है। उनके गांव वालों को इस यिओजना से कोई फायदा नहीं हो रहा है। मुख्यमंत्री ने सबसे पहले फरियादी के पंचायत का नाम पूछा उसके बाद पंचायती राज विभाग के अधिकारी को कॉल कर जल्द से जल्द मामले के निपटारे का निर्देश दिया। उसके बाद पश्चिम चंपारण से आए एक वृद्ध व्यक्ति ने भी नल-जल योजना से ही जुड़ी शिकायत की।
उसने बताया कि उसके गांव के आधे लोगों को ही पानी मिल रहा है बाकियों को नहीं मिल रहा है। जिसके बाद फिर से मुख्यमंत्री ने पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव फोन लगाया और कहा कि देखिए यह भी मामला नल-जल योजना से संबंधित है। हम यात्रा में गए थे तो क्यों नहीं यह सब काम हुआ ?
बिजली बिल से जुड़ी शिकायतें
बिजली बिल से जुड़ी हुई भी आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास पहुंची। कैमूर से आए हुए एक युवक ने बताया कि वो सिर्फ एक पंखा और एक बल्ब उपयोग करता है । इसके बावजूद भी एक महीने का बिजली बिल 9 हजार रू आ रहा। उसने बाते कि जब वो इसकी शिकायत करने पहुंचा तो जेई ने उसे धमकी दी। जेई ने ये भी कहा कि सीएम के यहां जाओ या पीएम के पास कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है।
युवक की शिकायत सुन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उर्जा विभाग के प्रधान सचिव को कॉल लगाकर मामले को जल्द से जल्द देखने को कहा। इसके बाद पश्चिम चंपारण से आए एक वृद्ध व्यक्ति ने भी बिजली बिल को लेके ही शिकायत कि शियत करते हुए वो रोने भी लगा। फिर से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उर्जा विभाग के प्रधान सचिव को फोन कर ममाले के जल्द निपटारे की बात कही।
ग्रामीण कार्य विभाग से जुड़ी शिकायत
किशनगंज जिला से आए एक युवक ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए कहा कि हमारे पंचायत में लगभग दो किलोमीटर रास्ते का निर्माण अब तक नहीं हो पाया है। संबंधित अधिकारियों को भी इस की सूचना दी गयी है मगर अब तक उस सड़क का निर्माण नहीं हो सका है। मुख्यमंत्री ने ग्रामीण कार्य विभाग के अधिकारी को समुचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग से जुड़ी शिकायत
भागलपुर जिला से आए एक फरियादी ने आग्रह करते हुए कहा कि हमलोगों के गांव में जन वितरण प्रणाली की दूकान नहीं है। राशन लेने के लिए हमलोगों को बहुत दूर जाना पड़ता है। वहीं अररिया जिला से आए एक फरियादी ने बताया कि वर्ष 2018 में जन वितरण प्रणाली का लाइसेंस आवंटन होने के बाद भी अब तक उसे मेरा निर्गत नहीं किया गया है। मुख्यमंत्री ने खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के अधिकारी को कॉल कर मामले के समाधान निकालने का निर्देश दिया
परिवहन विभाग से जुड़ी शिकायत
पूर्वी चंपारण जिला से आए एक फरियादी ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए कहा कि मेरे पास न कोई भूमि है और न ही कोई आमदनी का जरिया है। अतः आपसे आग्रह है कि मुख्यमंत्री परिवहन योजना के तहत हमें कोई लाभ दिलाने की कृपा करें, ताकि मैं अपने परिवार का भरण पोषण कर सकूं। जिसे लेकर मुख्यमंत्री ने परिवहन विभाग को उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
ग्रामीण कार्य विभाग से जुड़ी शिकायत
दरभंगा जिला से आए एक फरियादी ने गुहार लगाते हुए कहा कि हमारे टोले तक आने के लिये कोई सम्पर्क पथ नहीं है, कुछ लोगों के द्वारा रास्ते को बंद कर दिया गया है, जिससे आवागमन में काफी परेशानी हो रही है। वहीं सारण जिला से आए एक फरियादी ने गुहार लगाते हुए कहा कि मेरे गांव में जाने के लिए कोई सड़क नहीं है। मुख्यमंत्री ने ग्रामीण कार्य विभाग को जांचकर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया ।