राजद नेताओं की बयानबाजी के आगे जेडीयू लाचार स्थिति में दिख रही है। राजद नेताओं के बयानबाजी को लेकर कार्रवाई की मांग तो जेडीयू कर रही है। लेकिन अबतक उसका कोई भी परिणाम निकल कर सामने नहीं आया है। बल्कि दूसरे तरफ एक के बाद एक राजद नेताओं की बयानबाजी सामने आ ही रही है। इसके बावजूद भी जेडीयू टकटकी लगाए उम्मीद भारी नज़रों से राजद की तरफ देख रही है। आज एक बार फिर से जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर के विवादित बयान से पल्ला झाड़ते हुए, इसे राजद का आंतरिक मामला बताया और इसपर राजद नेतृत्व को संज्ञान लेने की बात कही।
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राजद नेतृत्व से लगी आस
रामचरितमानस को लेकर शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर के विवादित बयान के कोहराम मचा हुआ है। वो अपने बयान से पीछे हटने को भी तैयार नहीं है। वहीं राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह शिक्षा मंत्री के बचाव में मोर्चा संभाले हुए हैं। दूसरी तरफ जेडीयू इस मामले में अपना दामन बचाने की कोशिश में लगी हुई है साथ ही ये उम्मीद भी लगाए बैठी है कि राजद नेतृत्व द्वारा शिक्षा मंत्री के बयान पर संज्ञान लेकर कार्रवाई की जाएगी। जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि जेडीयू सभी धर्मों, सभी धर्म ग्रंथों और सभी धर्म के मानने वाले लोगों का सम्मान करती है। शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर का बयान राजद का आंतरिक मामला है, राजद नेतृत्व इसपर संज्ञान लेने के लिए सक्षम है।
खरमास खत्म पर इंतेजार नहीं
पहली बार नहीं है जब जेडीयू, राजद के किसी नेता पर कार्रवाई किए जाने की बाट जोह रही है। इससे पहले पूर्व कृषि मंत्री और राजद विधायक सुधाकर सिंह पर कार्रवाई किए जाने का इंतेजार भी अभी खत्म नहीं हुआ है। सुधाकर सिंह तो काफी समय से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ बयान के बाण छोड़ते आ रहे हैं। कुछ दिनों पहले जेडीयू के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा ने ये मामला उठाते हुए राजद से सुधाकर सिंह पर कार्रवाई किए जाने की बात कही थी। खुद उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी सुधाकर सिंह के बयान पर आपत्ति जताते हुए कार्रवाई किए जाने का भरोसा दिया था।
इसके बाद भी कार्रवाई नहीं हुई। उपेन्द्र कुशवाहा से इस विषय में जब भी पूछा गया वो यही कहते रहे कि खरमास खत्म होने के बाद ही कोई शुभ काम होता है। मतलब वो उम्मीद लगाए हुए थे कि खरमास के बाद सुधाकर सिंह पर कार्रवाई होगी। खरमास खत्म होने को है पर अभी तक ऐसा कुछ होता दिखाई नहीं दे रहा है। इन सब के बीच सुधाकर की तरह एक और राजद विधायक विजय मंडल भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर सवाल खड़ा करते दिखे थे। उनपर भी कोई एक्शन नहीं लिया गया।