मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जातीय जनगणना को की तारीख आगे बढ़ाने का फैसला किया है। जिसे लेकर बिहार में जम कर सियासत हो रही है। विपक्ष में बैठी बीजेपी की तरफ से नीतीश कुमार पर जान-बुझ कर जातीय जनगणना टालने का आरोप लगाया गया है। बीजेपी नेता और राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने कहा था कि बिहार सरकार ने निकाय चुनाव को जिस प्रकार टला है ठीक उसी प्रकार जातिगत जनगणना को भी टालना चाह रही है। जिसके बाद खुद जेडीयू कोटे से मंत्री सुनील कुमार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बचाव में उतर गए। उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि बिहार में लगातार हो रहे उपचुनाव के कारण ही जातीय जनगणना की तारीख को आगे बढ़ाया गया है। वहीं अब जेडीयू के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा भी इस मामले में कूद पड़े हैं। उन्होंने सीधा निशाना सुशील मोदी पर साधा है।
‘हायतौबा मचा रहे सुशील मोदी’
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा है कि सुशील मोदी को जातीय जनगणना को लेकर हायतौबा मचाने के बजाए केंद्र सरकार से सवाल करना चाहिए। उन्हें केंद्र सरकार ने से पूछना चाहिए की आखिर क्यों उन्होंने जातीय जनगणना से इनकार कर दिया है। सुशील मोदी को म्पहले केंद्र सरकार से देश स्तर पर जातीय जनगणना करने की मांग करनी चाहिए। उपेन्द्र कुशवाहा नमे कहा कि बिहार में किसी कारण से ही जातीय जनगणना की तारीख आगे बढ़ाई गई है। इसके लिए सुशील मोदी को परेशान होने की जरुरत नहीं है। बिहार में जातिगत जनगणना जरुर होगी और अच्छी तरह से होगी। इसके लिए सुशील मोदी निश्चिन्त रहे। बिहार सरकार को क्या करना है उन्हें ये बताने की जरुरत नहीं है।