जनता दल यूनाइटेड ने अपने उन नेताओं को निकालने की शुरुआत कर दी है, जो पार्टी नेतृत्व के प्रति लगाव नहीं रखते। इसमें प्रवक्ता डॉ. अजय आलोक की छुट्टी कर दी गई है। डॉ. आलोक के पिता डॉ. गोपाल प्रसाद प्रख्यात चिकित्सक हैं और 2014 में पटना साहिब लोकसभा सीट से जदयू की ओर से चुनाव लड़ चुके हैं। लेकिन डॉ. अजय आलोक ने अभी तक कोई चुनाव नहीं लड़ा है। जदयू में सक्रिय रहे हैं। प्रवक्ता के पद पर भी रहे हैं।
ट्वीट से शुरू हुआ विवाद
जदयू में घमासान लगातार जारी है। आरसीपी सिंह का राज्यसभा के लिए रिन्यूअल नहीं होना, पार्टी में गुटबाजी को स्पष्ट कर गया है। फिलहाल आरसीपी केंद्र में मंत्री तो बने हुए हैं लेकिन आगे क्या होगा, कहना मुश्किल है। आरसीपी को टिकट नहीं देने पर अजय आलोक ने ट्वीट कर आरसीपी का समर्थन किया था। संभवत: इसी ट्वीट के बाद से वे पार्टी नेतृत्व के निशाने पर थे।
लगातार प्रवक्ताओं पर कार्रवाई
अजय आलोक के निष्कासन पर जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने कहा है कि पार्टी के नेता नीतीश कुमार हैं। उनके कार्यों को ही आगे ले जाना है। अजय आलोक व निष्कासित किए गए महासचिव अनिल कुमार, महासचिव विपिन यादव और जितेंद्र नीरज द्वारा लगातार पार्टी को लेकर वहम की स्थिति बनाई जा रही थी। वैसे जदयू में ऐसा पहली बार हो रहा है जब प्रदेश अध्यक्ष लगातार संगठन के लोगों पर कार्रवाई कर रहे हैं। इसमें प्रवक्ताओं की सूची में अजय आलोक दूसरा नाम हैं। प्रवक्ता अजय आलोक से पहले प्रदेश प्रवक्ता डॉ. सुहेली मेहता पर भी प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा कार्रवाई कर चुके हैं।
अजय आलोक ने कहा, धन्यवाद
अपने निष्कासन पर डॉ. अजय आलोक ने कहा कि यह फैसला पार्टी का है। मुझे मुक्त करने के लिए धन्यवाद।