वाल्मीकि नगर सीट पर छठे चरण में मतदान हुआ था, जिसमें जदयू के सुनील कुमार विजयी रहे। यह सीट 2009 में अस्तित्व में आई। इससे पहले इसे बगहा सीट के नाम से जाना जाता था, जो अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व थी। अब सामान्य सीट है। इस सीट में कई ऐसे इंटरेस्टिंग फैक्ट्स हैं, जो चौंकाने वाले हैं। इस सीट पर इससे पहले हुए चार चुनावों में तीन बार जदयू के टिकट पर लड़े उम्मीदवार ने जीत दर्ज की है। तो एक बार जीत भाजपा के उम्मीदवार को मिली थे। राजद, कांग्रेस या किसी भी दूसरे दल के किसी उम्मीदवार को कभी यहां से जीत नहीं मिली है। अब तक हुए चार चुनाव में एक उपचुनाव भी शामिल है, जिसमें जदयू के ही उम्मीदवार को जीत मिली थी। जदयू ने 2024 के चुनाव में पिछला उपचुनाव जीतने वाले सुनील कुमार को ही उम्मीदवार बनाया। जबकि राजद ने भाजपा से आए दीपक यादव को उम्मीदवार बनाया था। हालांकि दीपक यादव खास कर नहीं पाए।
वाल्मीकि नगर सीट से इस बार सुनील कुमार और दीपक यादव के साथ कुल 10 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे थे। इनमें बसपा से दुर्गेश सिंह चौहान, आजाद समाज पार्टी से शफी मोहम्मद मिया, गण सुरक्षा पार्टी से हीरा भाई शामिल थे। जबकि निर्दलीय उम्मीदवारों में प्रवेश मिश्रा, परशुराम साह, दिनेश अग्रवाल, चंद्रेश्वर मिश्रा और शंभू प्रसाद शामिल रहे।
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2009 से लेकर 2019 तक हुए तीनों चुनावों का ट्रैक रिकॉर्ड देखें तो वाल्मीकि नगर के जनता की खासियत है कि उसने जब भी किसी उम्मीदवार को पसंद किया है, उसे दिल खोल कर वोट दिया है। तीनों चुनावों में जीत का मार्जिन एक लाख वोटों से अधिक रहा है। 2019 में तो 3,54,616 वोट रहा था। तब जदयू के वैद्यनाथ प्रसाद महतो जीते थे। लेकिन उनके निधन के बाद हुए उपचुनाव में जदयू का मार्जिन अब तक के रिकॉर्ड में सबसे कम हो गया। 2020 में इस सीट पर उपचुनाव हुआ। 2019 के मुकाबले कुल वोटों की संख्या तो अधिक रही। लेकिन जदयू से लड़े सुनील कुमार को 4,03,360 वोट ही मिले। जबकि 2019 में जदयू के टिकट से लड़े वैद्यनाथ प्रसाद महतो को 6,02,660 वोट मिले थे। यही नहीं जीत का मार्जिन पहली बार 2020 में घट कर 22,539 रह गया।