बिहार में छपरा, सीवान और गोपालगंज में जहरीली शराब से मौत हुई है। लगातार इसको लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर है। शराबबंदी को फेल बता रहा है। इस पर अब सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की पार्टी जेडीयू के नेता मनीष वर्मा का कहना है कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि मौतों का कारण शराबबंदी है। जहरीली शराब से हुई मौतों और शराबबंदी के बीच कोई संबंध नहीं है। पत्रकारों से बात करते हुए जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव मनीष वर्मा ने कहा कि जहां शराबबंदी लागू नहीं है वहां भी इस तरह की घटनाएं होती हैं। तमिलनाडु हो या ओडिशा वहां भी इस तरह की घटनाएं होती रहती हैं।
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हालांकि मनीष वर्मा ने कहा कि यह घटना अत्यंत दुखद है, लेकिन शराबबंदी के बावजूद लोग लोभ में इस प्रकार का निंदनीय काम कर रहे हैं और जहरीली शराब बनाकर बेच रहे हैं। इस प्रकार का कार्य करने वाले सभी दोषियों पर सरकार कार्रवाई करते हुए कड़ी से कड़ी सजा सुनिश्चित करेगी।
मनीष वर्मा ने तेजस्वी यादव पर किया हमला
तेजस्वी यादव की ओर से इस घटना के लिए शराबबंदी को जिम्मेदार ठहराने के सवाल पर मनीष वर्मा ने कहा, “तेजस्वी यादव सरकार में साथ रहे, तब भी शराबबंदी थी, तब वो चुप क्यों थे? जब हमारे साथ सत्ता में थे तब शराबबंदी पर सवाल क्यों नहीं उठाया? उनके मुंह से इस तरह की बात शोभा नहीं देती है।
‘मौत पर सियासत करना विपक्ष की आदत’
आगे मनीष वर्मा ने कहा कि मौत पर सियासत करना विपक्ष के नेताओं की पुरानी आदत है। वो पहले भी शराबबंदी को लेकर विरोध कर रहे हैं जबकि ऐसी घटनाओं का शराबबंदी से कोई संबंध नहीं है। सरकार और प्रशासन ऐसी घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए काम कर रही है। इस मामले पर भी सरकार जांच करा रही है. जो भी इसमें दोषी है, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।