जदयू एमलसी राधाचरण साव, इनकम टैक्स का शिकंजे पूरी तरह से जकड़ गए हैं। इनकम टैक्स की टीम ने तीन दिन तक एमलसी राधाचरण साव और उनके करीबियों के कुल 22 ठिकानों पर छापेमारी की। छापेमारी के बाद कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। इनकम टैक्स की टीम ने एमलसी राधाचरण साव के खिलाफ बिहटा थाना में मामला दर्ज कराया है। जदयू एमलसी राधाचरण साव पर बालू सिंडिकेट चलाने का आरोप लगा है।
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बालू से अवैध कमाई
ऐसी जानकारी मिली है कि राधाचरण साव दूसरों के नाम बालू घाट का ठेका उठाते हैं और फिर कारोबार को आगे बढ़ाने का काम खुद करते हैं। छापेमारी के दौरान इनकम टैक्स की टीम को बालू से अवैध कमाई के कई सबूत मिले हैं। बताया जा रहा है कि बालू से हुई अवैध कमाई को वो होटल कारोबार में लगते हैं। बता दें कि आरा में होटल रीगल रिसोर्ट उन्ही का है। इसके अलावे मनाली और हरिद्वार में भी उनका होटल एवं रिसोर्ट है। यही नहीं उन्होंने कई ट्रस्ट भी बना रखा है जिसके जरिए वो अस्पतालों और स्कूलों का संचालन करते हैं। ये भी अभी इनकम टैक्स की जांच के दायरे में हैं।
मिठाई दुकान से बालू कारोबारी तक का सफर
बताते चलें कि, 70 के दशक में आरा रेलवे स्टेशन के बाहर मिठाई की दुकान से राधा चरण साव ने एमएलसी तक का सफर तय किया है और बालू कारोबारी तक का सफर तय किया है। मिठाई की दुकान से निकलकर उन्होंने राजनीतिक क्षेत्र में अपनी मजबूत स्थिति बनाई। इलाके में वे सेठ जी के नाम से जाने जाते हैं। इन्होंने पहली बार राजद कोटे से 2015 में चुनाव लड़ा था। उस चुनाव में इन्होंने हुलास पांडेय को हराया था। धीरे-धीरे वो बड़े बालू कारोबारी बन गए। उनकी संपति करोड़ो में हो गई। फिलहाल वो इनकम टैक्स की चंगुल में फंसे हुए हैं।