बिहार में हुई जातीय गणना के आंकड़ों पर अविश्वास करने वालों की तादाद बढ़ती जा रही है। विरोध करने वाले अधिकतर नेता अभी तक विपक्ष के ही रहे हैं। लेकिन अब सत्ता पक्ष की ओर से भी इन आंकड़ों पर अविश्वास करने वाले बढ़ रहे हैं। पहले जदयू महासचिव प्रगति मेहता ने धानुक जाति की गणना पर सवाल उठाए। साथ ही सीएम नीतीश कुमार को पत्र लिखा। इसके बाद जदयू सांसद सुनील कुमार पिंटू ने जातीय गणना के आंकड़ों को फर्जी बताते है। उनका कहना है कि जातीय गणना में तेली समाज के लोगों के साथ गड़बड़ी की गयी है।
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सही नहीं है जातीय गणना की रिपोर्ट : सांसद
सीतामढ़ी से जदयू सांसद सुनील कुमार पिंटू ने कहा कि जातीय गणना की रिपोर्ट सही नहीं है। उन्होंने बताया कि तेली समाज के लिए जो आंकड़ा दिखाया जा रहा है वो गलत है। इसकी पुष्टि तेली समाज के अलग अलग जिलों के प्रतिनिधियों से भी उन्होंने की है। साथ ही सांसद ने यह भी आरोप लगाया कि तेली समाज के कई लोगों तक कोई गणना कर्मी पहुंचा ही नहीं है और गणना पूरी कर ली गई है।
2.81 फीसदी बताई गई है तेली समाज की संख्या
गौरतलब है कि गणना में तेली जाति के लोगों की संख्या 2.81 फीसदी बताई गई है। लेकिन जदयू सांसद के अनुसार यह रिकॉर्ड गलत है और उन्होंने सीएम नीतीश कुमार से दुबारा गणना कराने की मांग भी कर चुके हैं। चिराग पासवान के बाद सुनील कुमार पिंटू दूसरे नेता हैं, जो इस गणना को खारिज करते हुए दुबारा गणना की मांग कर रहे हैं। वैसे डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने आंकड़ों पर अविश्वासन करने वालों को पहले ही कह दिया है कि भरोसा नहीं है तो नरेंद्र मोदी से कहकर पूरे देश में जातीय गणना करवा लें।
एक्शन में तेली समाज
तेली जाति की गणना पर जदयू सांसद सुनील कुमार पिंटू के सवाल उठाने के साथ ही तेली जाति के संगठन ने विरोध का एक्शन शुरू कर दिया है। जातीय गणना की रिपोर्ट के खिलाफ 8 अक्टूबर को पटना में तेली समाज की बैठक बुलाई गई है। बैठक में वैसी जानकारियों को इकट्ठा किया जाएगा, जिससे स्पष्ट हो कि तेली जाति के किन लोगों की गणना नहीं हुई है। जानकारी इकट्ठा होने के बाद सीएम नीतीश कुमार को सभी डॉक्यूमेंट्स भेजे जाएंगे।