जब से नीतीश कुमार ने राजद के साथ मिल कर सरकार बनाई है। तभी से जेडीयू और राजद में विलय की खबरें जंगल की आग की तरह फैल रही है। वहीं बीजेपी नेताओं के बयान इस आग में घी का काम कर रहे हैं। आज जेडीयू के राष्ट्रिय अध्यक्ष ललन सिंह ने जेडीयू और राजद के विलय को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने इस तरह की ख़बरों को को पूरी तरह से नकार दिया है। सुशील मोदी के बयानों पलटवार करते हुए ललन सिंह ने कहा कि महागठबंधन अटूट है और अटूट ही रहेगा। सुशील मोदी बहुत व्याकुल हैं, उन्हें हमारी चिंता करने की जरुरत नहीं है। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने जेडीयू में अपना एक एजेंट लगाया था पर समय रहते वो पकड़ा गया। उपचुनाव जिक्र करते हुए ललन सिंह ने कहा कि सुशील मोदी बौखलाए हुए हैं, उनकी बौखलाहट 6 नवंबर को ख़त्म हो जाएगी।
संजय जयसवाल पर भी किया तंज
ललन सिंह से जब संजय जायसवाल के बयान को लेकर सवाल किया गया तो वो भड़क गए। उन्होंने कहा की संजय जायसवाल के बयानों पर कुछ भी नहीं कहना चाहते। उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि उनकी हैसियत क्या है? सभी को पता है कि वो पहले राजद के प्रखंड अध्यक्ष थे।
अनाप-शनाप बोलते हैं सुशील मोदी- उपेन्द्र कुशवाहा
जेडीयू संसदिये बोर्ड के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा ने भी सुशील मोदी के बयान पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि सुशील मोदी अनाप-शनाप बयान देते रहते हैं। ताकि वो सुर्ख़ियों में बने रहे। उनके बयां का कोई मतलब नहीं है। ऐसा कोई बात ही नहीं है, वो जानबूझकर बेतुका बयां देने के आदी बन गए हैं। महागठबंधन में मजबूती है और ये मजबूती आगे भी रहेगी। वही तेजस्वी को बिहार की कमान सौपें जाने के सवाल पर भी उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि आगे जो भी फैसल होगा वो महागठबंधन में शामिल सभी दलों की सहमती से होगा।
सुशील मोदी के बयान के बयान के बाद गरमाई सियासत
जेडीयू-राजद के विअलाय्य को लेकर बयानबाजी सुशील मोदी के बयां से शुरू हुयी थी। दरअसल सुशील मोदी ने कहा था कि बिहार के सीएम नीतीश कुमार के राजनीतिक अंत का समय आ गया है। अब उन्हें मालूम चल गया है कि वे अब आगे सीएम नहीं बन सकते। इसलिए किसी तरह अपनी राजनीतिक साख बचाए रखने की कोशिश में जदयू और राजद का विलय कर रहे हैं। विलय के पीछे की उनकी मंशा यही है कि जैसे तैसे 2025 तक वे सीएम बने रहें। साथ ही उन्होंने जेडीयू के कई नेताओं के बीजेपी के संपर्क में होने की भी बात कही थी।