सारण शराबकांड का मामला बिहार से लेकर संसद तक गूंज रहा है। बिहार में सरकार और विपक्ष के बीच जुबानी लड़ाई जारी है। संसद में भी इस मामले को लेकर जमकर कहा सुनी हो रही है। दूसरी ओर सारण शराब कांड की जांच के लिए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम पटना पहुँच चुकी है। जो सारण जाकर पुरे मामले की जांच करेगी। इसी को लेकर आज भी संसद के गहमागहमी देखने को मिली। लोकसभा में जहां लोजपा(आर) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने एक बार फिर बिहार में शराबबंदी फेल बता कर बिहार में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग करते दिखे। वही जेडीयू सारण शराबकांड की NHRC जांच को लेकर बौखलाई हुई दिखी। जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने केंद्र सरकार पर जांच एजेंसियों का दुरूपयोग करने का आरोप लगाया।
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NHRC जांच पर केंद्र सरकार को घेरा
जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद ललन सिंह आज लोकसभा में जानकर गरजे। उन्होंने कहा कि बिहार सरकर को सूचना दी गई है कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम सारण में जहरीली शराब से पीकर हुई मौतों की जांच करेगी। ये बिलकुल ही गलत है। सारण शराबकांड का मामला मानवाधिकार आयोग का है ही नहीं फिर मानवाधिकार आयोग कहाँ से आ गया। ये पूरी तरह से संवैधानिक संस्थाओं का दुरूपयोग है। उन्होंने केन्द्र सरकार पर सवाल कहद करते हुए पूछा कि केरल में जहरीली शराब से मौत की जांच मानवाधिकार आयोग क्यों नहीं करता? साथ ही ये भी कहा कि गुजरता के मोरबी पुल हादसा में 142 लोगों की मौत हो गई इसकी जांच मानवाधिकार आयोग क्यों नहीं कर रहा?