जहानाबाद लोकसभा सीट (Jahanabad Loksabha Seat) पर किसी भी प्रत्याशी के लिए सटीक अनुमान नहीं लगा सकते कि यहां से कौन जीतेगा। दरअसल, इस सीट पर जदयू के सांसद चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी, राजद के पूर्व सांसद सुरेंद्र यादव व बसपा से पूर्व सांसद अरुण कुमार समेत 15 प्रत्याशी मैदान में हैं। यह बिहार की एकमात्र ऐसी सीट है जहां से एक वर्तमान सांसद के सामने दो पूर्व सांसद न केवल ताल ठोक रहे हैं बल्कि मजबूत त्रिकोण भी बना रहे हैं।
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विश्लेषकों की माने तो बसपा के टिकट से चुनाव लड़ रहे अरुण कुमार राजद और जेडीयू का खेल बिगाड़ सकते हैं। अगर कास्ट वोट बैंक की बात करें तो 16 लाख मतदाताओं वाली जहानाबाद सीट पर भूमिहार और यादव वोट निर्णायक होते हैं। जहानाबाद के चुनावी संग्राम को नज़दीक से देखने वालों की मानें, तो अरुण कुमार का खड़ा होना चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी की जीत मुश्किल कर सकता है। अरुण कुमार भूमिहार जाति के प्रभावशाली नेता हैं।
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लेकिन राजद को इसका सीधा फायदा मिल सकता है यह भी नहीं कह सकते, क्योंकि राजद के पूर्व विधायक मुन्नीलाल यादव बतौर निर्दलीय उम्मीदवार खड़े हुए हैं जो राजद के यादव वोट बैंक में सेंध मार सकते हैं। इन सबके बावजूद सांसद चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी अपनी जीत को लेकर आश्वस्त दिख रहे हैं। उन्हें कास्ट वोट की फिकर नहीं है।उनका मानना है कि प्रधानमंत्री मोदी का देश विदेश में डंका बज रहा है और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के काम की बदौलत एनडीए का वोटर सब जात का है।
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अब देखना है कि जात-पात की इस लड़ाई में जहानाबाद की जंग कौन जीतता है। अगर लोग कास्ट बेस पर वोट करेंगे तो निसंदेह इसका फायदा राजद को मिल सकता है, लेकिन मोदी फैक्टर भी यहां काम कर सकता है। देखना दिलचस्प होगा कि जहानाबाद के चुनावी ‘वॉर’ में अबकी बार किस उम्मीदवार को मतदाताओं का प्यार मिलेगा।