जहानाबाद लोकसभा सीट पर आज मतदान हो रहा है। यहां एनडीए और महागठबंधन दोनों ने ही अपने उम्मीदवारों में कोई परिवर्तन नहीं किया। जदयू ने अपनी सीटिंग सांसद चंदेश्वर प्रसाद को उतारा तो राजद ने भी कोई फेर बदल नहीं करते पूर्व सांसद सुरेंद्र यादव को ही चुनावी संघर्ष में उतारा। लेकिन लड़ाई यहां भी इतनी सीधी नहीं है.
यहां के चुनाव में ट्विस्ट तब आया जब भूमिहार एकता को ले कर वर्षो से अलख जगाने वाले आशुतोष ने निर्दलीय पर्चा भर दिया। उधर लोजपा (रामविलास) से उम्मीद किए बैठे पूर्व सांसद अरुण कुमार जब यह सीट जदयू के हिस्से में चली गई तो चुनाव लड़ने के लिए बसपा से ताल ठोक दी। जहानाबाद की लड़ाई को निर्दलीय उम्मीदवार मुन्नी लाल यादव ने भी दिलचस्प बना दिया है। राजद नेता और पूर्व विधायक मुन्नी लाल यादव की नाराजगी है कि उन्हें वायदे के अनुसार राजद का टिकट नहीं मिला। इसलिए नाराज होकर इस बार वो चुनाव मैदान में निर्दलीय कूद पड़े हैं।
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बहरहाल ,जहानाबाद लड़ाई को निर्दलीय उम्मीदवार मुन्नी लाल यादव ने दिलचस्प तो बना ही दिया है। बसपा उम्मीदवार ने जहां दलित और भूमिहार मतों में सेंधमारी कर चुनाव को त्रिकोणात्मक बना दिया है। तो राजद के पूर्व विधायक मुन्नी लाल यादव ने भी यादव मतों में सेंधमारी कर मुकाबला को चार कोणों में बांटने की चाल चल दी है।
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बताया जा रहा है कि चंद्रवंशी से भूमिहार समाज के लोग बेहद नाराज हैं। उनकी चिंता बसपा उम्मीदवार अरुण कुमार ने भी बढ़ा रखी है जो भूमिहार जाति से ही आते हैं। उनकी तरफ भूमिहार वोटरों का झुकाव माना जाता है। वहीं, दूसरी तरफ महागठबंधन उम्मीदवार आरजेडी के सुरेंद्र यादव अपने कोर वोटर एकजुट होने और तेजस्वी यादव के आक्रामक चुनाव प्रचार की वजह से साथ ही एनडीए के कोर वोटर में बिखराव की वजह से भी जीत की उम्मीद बनाए हुए है।