हिन्दुस्तान आवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी अपने विवादित बयान को लेकर हमेशा चर्चा में रहते हैं। एक बार फिर उन्होंने कुछ ऐसा ही बयान दे दिया है। जिसे लेकर विवाद होने तय है। दरसअल उन्होंने पूजा करने वाले पंडितों के विरोध में ये बयान दिया है। उन्होंने कहा कि पिछले 75 साल से हिन्दू होकर हमलोग गुलाम रहे हैं। हमारे यहां कोई पंडित सही से पूजा नहीं कराता है। जो पूजा करते हैं वो शराब पीता हैं और मांस खाते हैं। उन्होंने कहा कि हम अंबेडकर को मनाने वाले हैं। इसलिए ऐसे पंडितों के हम विरोध करते हैं। ये बयान उन्होंने तब दिया जब उनसे उपचुनाव में अनुसूचित जाती का झुकाओ किस ओर है ऐसे लेकर सवाल किया गया था। ये पहली बार नहीं है जब उन्होंने ऐसा बयान दिया हो। इससे पहले भी उन्होंने ऐसा ही बयान दिया था जिसपर काफी विवाद हुआ था।
भगवान राम को भी लेकर दे चुके है विवादित बयान
जीतन राम मांझी के विवादित बयान का पुराण इतिहास रहा है। उन्होंने कहा था की राम भगवान नहीं है। वो सिर्फ वाल्मीकि और तुलसीदास के रामायण के एक पात्र हैं। रामायण में अच्छी बातें लिखी है इसलिए हम उसे मानते हैं। लेकिन राम कौन है इस बारे में नहीं जानते हैं। उन्होंने कहा था कि राम ने शबरी के झूठे बेर खाए थे। आज हमलोग के के यहां कोई पंडित कहना खाना खाना नहीं चाहते। एक बार मांझी ने ये भी कहा था कि सवर्ण और ऊंची जाति के लोग बाहर से आये हुए हैं। वे भारत के निवासी नहीं है।