केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने कहा कि कॉयर के क्षेत्र में असीम संभावनाएं हैं। यह देश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को आत्मनिर्भरता की ओर ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। केंद्र सरकार हर संभव इसे आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने मंगलवार को दिल्ली में कॉयर बोर्ड की समीक्षा बैठक के बाद यह बात कही। जीतन राम मांझी ने कहा कि निर्यात बढ़ाने और देश की जीडीपी में एमएसएमई की हिस्सेदारी बढ़ाने में कॉयर बोर्ड महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। उन्होंने कॉयर बोर्ड को वित्त वर्ष 2024-25 के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए और अधिक प्रयास करने की सलाह दी। इस अवसर पर उनके विभाग की राज्यमंत्री श्रीमती शोभा करंदलाजे समेत वरिष्ठ अधिकारीगण भी उपस्थित थे।
मांझी ने कहा कि छोटे उद्योगों को बढ़ावा देना हमारी सरकार की प्राथमिकता है। कॉयर के उद्यमी ज्यादातर दक्षिण भारतीय गांवों में हैं, उन्हें हरसंभव मदद दी जानी चाहिए। इससे ग्रामीण और कस्बाई क्षेत्रों में परंपरागत काम करने वालों को सहायता मिलेगी और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के लघु उद्योगों को सशक्त बनाते हुए विकसित भारत बनाने के संकल्प को पूरा करने में सभी छोटे उद्यमियों को सार्थक भूमिका निभानी चाहिए। इससे हमारे देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।
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बैठक में कॉयर क्षेत्र की विभिन्न योजनाओं, उनके क्रियान्वयन और प्रगति पर विस्तार से चर्चा की गई। श्री मांझी ने कॉयर उत्पादों के संवर्धन एवं विकास हेतु अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए। इस दौरान कॉयर बोर्ड के चेयरमैन श्री डी कुप्पुरामु ने कॉयर बोर्ड के उत्पादों के निर्यात संबंधी ब्यौरा भी प्रस्तुत किया।