गया: केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी (Jitanram Manjhi) ने बिहार की एनडीए सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अति महत्वाकांक्षी ‘गंगा उद्भव योजना’ को लेकर सवाल उठाए हैं। मांझी ने कहा कि 6000 करोड़ की लागत से गंगा का पानी लाया गया लेकिन क्या इससे इलाके में पानी की आवश्यकता की पूर्ति हो गई? उन्होंने कहा कि थोड़ा कहने में हमको दिक्कत होती है। डर लगता है, आलोचना लोग करते हैं. आज 6 हजार करोड़ रुपये खर्च किया जा रहा है। पानी आ रहा है गंगा का लेकिन क्या हमारी आवश्यकता को गंगा का पानी पूरा कर रहा है? हम तो कह सकते हैं कि नहीं पूरा कर रहा है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उन्होंने जो योजना तैयार की थी, उससे 700 करोड़ में ही सारा काम पूरा हो जाता। मांझी ने कहा कि हम इतने पैसे में ही बांध भी बना लेते। नहर भी बना लेते। मोकामा के लिए नहर भी देते और नदी के दोनों किनारे 15-20 फीट सड़क बना देते ताकि गया में ट्रैफिक जाम की समस्या खत्म हो जाती। ये मेरा सपना था लेकिन 6000 करोड़ खर्च गंगा का पानी लाया जा रहा है।
दरअसल, 2014-15 में जब जीतनराम मांझी बिहार के मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने कई योजनाओं पर मुहर लगाई थी लेकिन उनके सीएम पद से हटते ही ज्यादातार फैसलों पर रोक लग गई थी। इस बात का जिक्र कर वह अक्सर सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साधते हैं। शायद यही वजह है कि वर्तमान बिहार सरकार में सहयोगी होने के बावजूद वह ‘गंगा उद्भव योजना’ पर भी सवाल उठा रहे हैं।