बिहार में लोकसभा चुनाव 2024 के लिए एनडीए में सीटों का बंटवारा हो गया है। बिहार एनडीए में हुए सीट बंटवारे में राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी को कोई सीट नहीं मिली। इस बात से नाराज होकर राष्ट्रीय लोजपा प्रमुख पशुपति कुमार पारस ने केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। साथ ही एनडीए का साथ छोड़ दिया। पशुपति पारस के इस्तीफे पर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
मांझी ने कहा कि पशुपति पारस एनडीए के वफादार सिपाही नहीं थे। सिपाही को जो आदेश मिलता है। उसका पालन करता है। लेकिन उन्होंने एनडीए का आदेश नहीं माना। वह कभी इधर की बात करते थे। कभी उधर की। इसलिए हम अपने समाज से यही कहेंगे कि को वे एनडीए के सच्चे सिपाही नहीं थे। आगे उन्होंने कहा कि अगर हमें एक भी सीट नहीं मिलती तब भी हम पूरी निष्ठा के साथ भाजपा के साथ रहते। उन्होंने कहा की हमने 1980 में एक बार टिकट माँगा था और टिकट मिला भी था। इसके बाद हमने कभी मंत्री और मुख्यमंत्री का पद नहीं माँगा। इसके बावजूद सब मिला। उन्होंने कहा कि हम एक सीट से भी संतुष्ट हैं।
मांझी ने कहा कि हम चाहते हैं कि इस लोकसभा चुनाव में एनडीए की जीत हो और नरेंद्र मोदी एक बार फिर से प्रधानमंत्री बने। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो 400 सीट का नारा दिया है, वह सफल हो। इसके लिए हम पुरजोर कोशिश करेंगे। बिहार की सभी 40 सीटों पर एनडीए की जीत हो, इसके लिए हमलोग लगातार प्रयासरत हैं।
बता दें, बिहार एनडीए में सीट बंटवारे के तहत बीजेपी को 17, जेडीयू को 16, लोजपा रामविलास को 5 सीटें मिलीं। वहीं हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा और राष्ट्रीय लोक मोर्चा को एक-एक सीट मिली है।