बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के. के. पाठक और शिक्षा मंत्री प्रो.चंद्रशेखर के बीच का विवाद बढ़ता जा रहा है। सबसे के. के. पाठक को शिक्षा मंत्री के आप्त सचिव डॉ. कृष्णा नंद यादव ने उन्हें पित पत्र भेजा और कार्यशैली पर सवाल उठाए। तो जवाब में डॉ. यादव के विभाग में प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। शिक्षा विभाग के निदेशक, प्रशासन सुबोध कुमार चौधरी ने डॉ. यादव के पीतपत्र के बदले में पत्र लिखा है।
पत्र में स्पष्ट है कि अब डॉ. यादव शिक्षा विभाग के कार्यालय में भौतिक रूप से प्रवेश नहीं कर सकते हैं। इस पूरे मामले को लेकर के. के. पाठक और शिक्षा मंत्री प्रो.चंद्रशेखर में ठन गई है।ऐसे एमन बड़ा सवाल यही है जब शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव और शिक्षा मंत्री के बीच में ही आपसी सामंजस्य नहीं है तो शिक्षा विभाग का क्या होगा? इन्ही सब सवालों के लेकर भाजपा भी बिहार सरकार पर हमलावर हो गई है।
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“शिक्षा विभाग का भगवान ही मलिक है”
शिक्षा विभाग के विवाद को लेकर नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने तंज कसते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और लालू यादव को अपने निशाने पर लिया है। विजय सिन्हा ने कहा कि जब से छोटे भाई ( नीतीश कुमार) ने चरवाहा विद्यालय वाले बड़े भाई(लालू यादव) से गलबहियां किया है और जनादेश का अपमान कर सरकार बनाई है तब से शिक्षा विभाग लगातार सुर्ख़ियों में है। अब तो हद ही हो गई है शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के आप्त सचिव को ही कार्यालय में प्रवेश करने पर रोक लगा दी है। जब शिक्षा मंत्री और शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के बीच ही लड़ाई चल रही है तो ऐसे में शिक्षा विभाग का भगवान ही मालिक है ।