बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न (मरणोपरांत) से सम्मानित किया जाएगा। 24 जनवरी को उनकी जयंती के ठीक एक दिन पहले यह घोषणा हुई है। दो बार बिहार के CM रहे कर्पूरी ठाकुर और एक बार डिप्टी CM भी रहे थे। बिहार के पहले गैर कांग्रेसी मुख्यमंत्री बने कर्पूरी ठाकुर ने अपना पहला विधानसभा चुनाव 1952 में जीता था। 1967 में कर्पूरी ठाकुर ने डिप्टी CM बनने पर बिहार में अंग्रेजी की अनिवार्यता को खत्म कर दिया था।
बिहार में समस्तीपुर के पितौंझिया (अब कर्पूरी ग्राम) में जन्मे कर्पूरी ठाकुर अच्छे विद्यार्थी थे। समाजवादी विचारधारा के नेता कर्पूरी ठाकुर दो बार बिहार के मुख्यमंत्री रहे। वे 22 दिसंबर 1970 से 2 जून 1971 तथा 24 जून 1977 से 21 अप्रैल 1979 तक बिहार के सीएम पद पर रहे। जबकि 5 मार्च 1967 से 31 जनवरी 1968 तक कर्पूरी ठाकुर डिप्टी सीएम के पद पर रहे थे।
कर्पूरी ठाकुर ने बिहार में पहली बार की थी शराबबंदी
बिहार में आज शराबबंदी लागू है। यह फैसला सीएम नीतीश कुमार ने 2016 में लागू किया। लेकिन शराबबंदी की सोच बिहार में कर्पूरी ठाकुर ने रखी थी। कर्पूरी ठाकुर को बिहार में पहली बार शराबबंदी की थी। हालांकि तब शराबबंदी ज्यादा दिनों तक लागू नहीं रह सकी।
बिहार के पांचवे शख्स जिन्हें मिला भारत रत्न
कर्पूरी ठाकुर भारत रत्न पाने वाले बिहार में जन्मे पांचवे शख्स हैं। इनसे पहले डॉ. राजेंद्र प्रसाद, डॉ. विधान चंद्र राय, जय प्रकाश नारायण और बिस्मिल्ला खान को भारत रत्न मिल चुका है। इसमें डॉ. राजेंद्र प्रसाद देश के पहले राष्ट्रपति थे। जबकि पटना में जन्मे डॉ. विधान चंद्र राय पश्चिम बंगाल के पहले सीएम थे। वहीं जय प्रकाश नारायण स्वाधीनता आंदोलन के नेता होने के साथ संपूर्ण क्रांति आंदोलन के प्रणेता थे। वहीं बिस्मिल्ला खां मशहूर शहनाई वादक थे।
इन फैसलों के लिए जाने जाते हैं कर्पूरी ठाकुर
- देश में पहली बार OBC आरक्षण दिया था।
- 1977 में मुख्यमंत्री बनने के बाद मुंगेरीलाल कमीशन लागू किया था। इसके कारण पिछड़ों को नौकरियों में आरक्षण मिला।
- देश के पहले मुख्यमंत्री जिन्होंने अपने राज्य में मैट्रिक तक पढ़ाई मुफ्त की थी।
- बिहार में उर्दू को दूसरी राजकीय भाषा का दर्जा दिया था।
- 1967 में पहली बार उपमुख्यमंत्री बनने पर अंग्रेजी की अनिवार्यता खत्म की थी।
- गैर लाभकारी जमीन पर मालगुजारी टैक्स को बंद किया था।
- मुख्यमंत्री बनते ही उन्होंने फोर्थक्लास वर्कर पर लिफ्ट का यूजन करने पर रोक हटाई।
- आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों और महिलाओं लिए आरक्षण का दिया।
पीएम मोदी ने जताई खुशी
कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न से सम्मानित करने के फैसले पर पीएम नरेंद्र मोदी ने एक्स पर लिखा है कि “मुझे खुशी है कि भारत सरकार ने सामाजिक न्याय के प्रतीक महान जननायक कर्पूरी ठाकुर जी को भारत रत्न से सम्मानित करने का निर्णय लिया है और वह भी ऐसे समय में जब हम उनकी जन्मशती मना रहे हैं। यह प्रतिष्ठित सम्मान हाशिये पर पड़े लोगों के लिए एक चैंपियन और समानता और सशक्तिकरण के समर्थक के रूप में उनके स्थायी प्रयासों का एक प्रमाण है। दलितों के उत्थान के लिए उनकी अटूट प्रतिबद्धता और उनके दूरदर्शी नेतृत्व ने भारत के सामाजिक-राजनीतिक ताने-बाने पर एक अमिट छाप छोड़ी है। यह पुरस्कार न केवल उनके उल्लेखनीय योगदान का सम्मान करता है बल्कि हमें एक अधिक न्यायपूर्ण और न्यायसंगत समाज बनाने के उनके मिशन को जारी रखने के लिए भी प्रेरित करता है।”
सीएम नीतीश ने कहा, जदयू की पुरानी मांग पूरी हुई
वहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी इस फैसले पर प्रसन्नता व्यक्त की है। सीएम नीतीश कुमार ने इसे सही निर्णय बताया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वर्गीय कर्पूरी ठाकुर जी को उनकी 100वीं जयंती पर दिया जाने वाला ये सर्वोच्च सम्मान दलितों, वंचितों और उपेक्षित तबकों के बीच सकारात्मक भाव पैदा करेगा। उन्होंने कहा कि वो हमेशा से स्व. कर्पूरी ठाकुर जी को भारत रत्न देने की मांग करते रहे हैं। आज कर्पूरी ठाकुर जी को दिए जाने वाले इस सम्मान से उन्हें खुशी मिली है और जेडीयू की वर्षो पुरानी मांग पूरी हुई है।