2018 में गणतंत्र दिवस पर कासगंज में तिरंगा यात्रा के दौरान हुई चंदन गुप्ता उर्फ अभिषेक गुप्ता की गोली मारकर हत्या के मामले में एनआईए की विशेष अदालत ने 28 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। विशेष अदालत के जज विवेकानंद सरन त्रिपाठी ने गुरुवार को इन सभी को दोषी करार दिया था। उम्रकैद के साथ ही दोषियों पर भारी जुर्माना भी लगाया गया है।
सभी 28 दोषियों को हत्या के लिए उम्रकैद और तिरंगा अपमान के लिए तीन-तीन साल की सजा सुनाई गई है। मुख्य आरोपी सलीम और छह अन्य दोषियों को आर्म्स एक्ट के तहत भी सजा दी गई है। अदालत में सजा सुनाने के दौरान अधिकांश आरोपी व्यक्तिगत रूप से उपस्थित थे, जबकि कुछ दोषियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश किया गया।
घटना के अनुसार, 26 जनवरी 2018 को गणतंत्र दिवस पर निकाली गई तिरंगा यात्रा के दौरान चंदन गुप्ता और उनके साथियों पर हमला हुआ। रिपोर्ट के मुताबिक, आरोपियों ने तिरंगा छीनकर फेंक दिया और भारत विरोधी नारे लगाए। जब चंदन और अन्य लोगों ने इसका विरोध किया, तो फायरिंग और पथराव शुरू कर दिया गया। मुख्य आरोपी सलीम ने चंदन को गोली मार दी, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
चंदन के पिता सुशील गुप्ता और भाई विवेक गुप्ता ने न्याय के लिए लंबी लड़ाई लड़ी। विवेक ने इस लड़ाई के लिए अपनी नौकरी तक छोड़ दी और हर सुनवाई में कोर्ट में उपस्थित रहे। दोषियों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या), 307 (जानलेवा हमला), 147 (दंगा), 148, 149, और तिरंगा अपमान निवारण अधिनियम सहित अन्य धाराओं के तहत आरोप तय किए गए।
जिन्हें मिली सजा
मुख्य आरोपी सलीम के साथ वसीम, जाहिद उर्फ जग्गा, आसिफ कुरैली, असलम कुरैशी, अकरम, शवाब, तौफीक, और अन्य को दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा दी गई। हालांकि, असीम कुरैशी और नसरुद्दीन को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया।