पटना में BPSC अभ्यर्थियों पर जमकर लाठीचार्ज हुआ है। 70वीं सिविल सेवा परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन के विरोध में हजारों कैंडिडेट्स बिहार लोक सेवा आयोग कार्यालय के बाहर पहुंचे थे। पुलिस ने अभ्यर्थियों को वहां से जाने को कहा, लेकिन कैंडिडेट्स नहीं माने। उसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया। छात्रों को पुलिस ने सड़क पर दौड़ा-दौड़ाकर पीटा है। पुलिस के खदेड़े जाने के कुछ देर बाद ही कैंडिडेट्स एकबार फिर आयोग के दफ्तर की तरफ बैनर पोस्टर लेकर बढ़े। अभ्यर्थियों का कहना है कि नॉर्मलाइजेशन लागू नहीं होना चाहिए। वहीं उन्होंने वन शिफ्ट-वन पेपर की भी मांग की है। इधर, छात्रों पर लाठीचार्ज होने पर खान सर भड़क गए।
आंदोलन कर रहे छात्रों के समर्थन में खान सर भी पहुंच गए। उन्होंने सभी अभ्यर्थियों को गर्दनीबाग धरना स्थल पर पहुंचने की अपील की। उन्होंने कहा कि हम सभी अभ्यर्थियों के साथ हैं। उन्होंने कहा कि हम शांतिपूर्वक तरीके से आंदोलन कर रहे हैं। और अब पुलिस भी किसी छात्र को नुकसान न पहुंचाए। उन्होंने कहा कि हम अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन आंदोलन करेंगे।
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क्या होता है नॉर्मलाइजेशन?
नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया सामान्य तौर पर तब अपनाई जाति है जब अलग-अलग शिफ्ट में परीक्षा आयोजित हो रही हो। इसका उपयोग इसलिए होता है क्यों कि अलग-अलग सेट के प्रश्न पत्र परीक्षा में पूछे जाते हैं। पहले शिफ्ट की परीक्षा में जो सेट का प्रश्न पत्र पूछा जाएगा दूसरे शिफ्ट की परीक्षा में वह नहीं पूछा जाता। प्रश्न पत्र में प्रश्न अलग होते हैं। ऐसे में परीक्षा आयोजित करने वाली संस्था यह तय करती है कि किस सेट के प्रश्न पत्र को हल करने में अभ्यर्थियों ने सरलता महसूस की और किस में कठिनाई महसूस की। संस्था जिसे तय करती है कि यह प्रश्न पत्र का सेट आसान था, उसमें अभ्यर्थी जितना अंक हासिल करते हैं उसमें से 2 से पांच अंक कम हो जाते हैं, जिसे कठिन समझती है उसमें अभ्यर्थी जितना अंक हासिल करते हैं उसमें दो से पांच अंक जुड़ जाते हैं।