राजधानी पटना जिले में आठवीं तक के सरकारी व निजी स्कूल (प्री-स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्रों) और कोचिंग सेंटर बंद करने का मामला अब मुख्य सचिव के पास पहुंच गया है. पटना को डीएम द्वारा बंद किये जाने व इस मामले में शिक्षा विभाग द्वारा किये गये पत्राचार को लेकर मामला मुख्य सचिव के पास पहुंचा है. पटना डीएम ने मुख्य सचिव से पूरे मामले की समीक्षा कर यथोचित समाधान करने का अनुरोध किया है. बुधवार को डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह ने मुख्य सचिव को शीतलहर आदि कारणों से सरकारी विद्यालयों को बंद करने के संबंध में जारी आदेश की वस्तुस्थिति से अवगत कराया है. इसमें कहा गया है कि शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन के बीच स्कूल बंद किये जाने के संदर्भ में अंतहीन पत्राचार से भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो रही है. यह प्रशासनिक दृष्टिकोण से यथोचित नहीं है. प्रशासनिक व्यवस्था में सभी स्तरों पर अधिकार और सीमाएं सुपरिभाषित हैं. इसका सम्मान किया जाना चाहिए.
पत्र में उल्लेख किया गया है कि पटना जिले में शीत दिवस की स्थिति व कम तापमान जारी रहने के कारण बच्चों के स्वास्थ्य और जीवन पर खतरे की संभावना को लेकर दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा-144 के तहत क्लास आठवीं तक शैक्षणिक गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाते हुए 23 जनवरी को इसे 25 जनवरी तक विस्तारित किया गया. इसे लेकर माध्यमिक शिक्षा निदेशक द्वारा 22 जनवरी को जिला प्रशासन द्वारा स्कूल बंद किये जाने के संबंध में जारी आदेश में शिक्षा विभाग का 20 जनवरी को जारी आदेश का अनुपालन नहीं किये जाने का उल्लेख करते हुए जिला शिक्षा पदाधिकारी को सभी विद्यालयों को खुला रखने के लिए निर्देशित किया गया.
इसके बाद जिला प्रशासन की ओर से 22 जनवरी को उपर्युक्त परिस्थिति व जिला दंडाधिकारी को इंड प्रक्रिया संहिता की धारा-144 के तहत प्रदत्त शक्तियों के संबंध में माध्यमिक शिक्षा निदेशक को विस्तृत रूप से अवगत कराया गया. इसके बाद फिर शिक्षा विभाग की ओर से 23 जनवरी को जारी पत्र द्वारा विभिन्न प्रकार की आपत्तियों का उल्लेख करते हुए रिपोर्ट की मांग की गयी है. डीएम ने मुख्य सचिव से इस मामले में अपने स्तर से संपूर्ण मामले की समीक्षा कर यथोचित समाधान करने का अनुरोध किया है.