बिहार शिक्षा विभाग ने एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए सरकारी स्कूलों में कक्षा 1 से 12वीं तक के छात्र-छात्राओं को पोशाक के लिए उनके अभिभावकों के खाते में रुपये नहीं भेजने का फैसला किया है। अब विभाग द्वारा सीधे सिली-सिलाई पोशाक छात्रों को प्रदान की जाएगी।
यह फैसला क्यों लिया गया?
शिक्षा विभाग की समीक्षा में पता चला कि पहले अभिभावकों को पोशाक के लिए राशि प्रदान की जाती थी, लेकिन कई बार वे इस राशि का उपयोग अन्य मदों में कर देते थे। इसके परिणामस्वरूप, कई छात्रों को उचित पोशाक नहीं मिल पाती थी।
नई व्यवस्था में क्या होगा?
नई व्यवस्था के तहत, शिक्षा विभाग एक एजेंसी का चयन करेगा जो छात्रों को उनकी माप के अनुसार सिली-सिलाई पोशाक प्रदान करेगी। विभाग ने पोशाक के साथ-साथ ठंड के मौसम में स्वेटर, गर्म टोपी, दो जोड़ी मोजे और एक जोड़ी जूते भी देने का फैसला किया है।
कितने छात्रों को लाभ होगा?
सरकार का लक्ष्य राज्य के सरकारी विद्यालयों में पढ़ रहे लगभग 1.61 करोड़ छात्रों को यह लाभ प्रदान करना है।
यह पहल कब से लागू होगी?
यह योजना सत्र 2024-25 से लागू होगी। शिक्षा विभाग ने निविदा प्रक्रिया शुरू कर दी है और जल्द ही एजेंसी का चयन कर लिया जाएगा।
इस पहल के क्या फायदे हैं?
- यह सुनिश्चित करेगा कि सभी छात्रों को उचित पोशाक मिले।
- यह भ्रष्टाचार को कम करने में मदद करेगा।
- यह छात्रों के बीच समानता को बढ़ावा देगा।