शिक्षा विभाग के एसीएस केके पाठक ने शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए एक बार फिर बड़ा एक्शन ले लिया है। इस बार उन्होंने मास्टरों नहीं हेड-मास्टरों की क्लास लगाई है। केके पाठक ने एक-दो नहीं बल्कि 1434 प्रधानाध्यापकों की सैलरी रोक दी है। एक महीने का वेतन भी कट सकता है। इस संबंध में इसी महीने छह तारीख को डीईओ को पत्र भेजा गया है।
दरअसल, बिहार शिक्षा विभाग ने सरकारी प्राथमिक और मध्य विद्यालयों के 1,450 प्रधानाध्यापकों या प्रभारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। ये सभी मध्याह्न भोजन योजना के फीडबैक प्रणाली पर जवाब देने में विफल रहे थे। शिक्षा विभाग ने छह अप्रैल को राज्य के जिला शिक्षा पदाधिकारियों (डीईओ) को भेजे पत्र में आदेश दिया कि 1434 प्रधानाध्यापकों/प्रभारियों का वेतन ‘‘अगले आदेश तक रोक’’ लिया जाए और उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी कर यह पूछा जाए कि उनकी इस चूक के कारण क्यों न उनका एक माह का वेतन काटकर राजकोष में जमा कर दिया जाए।
क्या है पूरा मामला?
जारी किए गए पत्र के अनुसार एक नवंबर 2023 से 31 जनवरी 2024 तक 72,000 सरकारी स्कूलों में मध्याह्न भोजन योजना के कार्यान्वयन की निगरानी के लिए विभाग की ओर से विकसित ‘इंटरएक्टिव वॉयस रिस्पांस सिस्टम’ (आईवीआरएस) पर 1434 प्रधानाध्यापकों/प्रभारियों ने जवाब नहीं दिया। आईवीआरएस के तहत संबंधित स्कूलों के प्रधानाध्यापकों या प्रभारियों से स्कूल में छात्रों की उपस्थिति, लाभार्थियों की संख्या और तैयार किया गया भोजन अलग-अलग दिन के अनुसार या नहीं, इस बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए तीन प्रश्न पूछे जाते हैं। बाद में इसे रोजाना वेबसाइट पर डाला जाता है।
एक नवंबर 2023 से 31 जनवरी 2024 तक सीवान जिले के प्राथमिक और मध्य विद्यालयों के सबसे ज्यादा 175 प्रधानाध्यापक/प्रभारी प्रधानाध्यापक आईवीआरएस प्रणाली का जवाब देने में विफल रहे। इसके बाद मधुबनी (112), दरभंगा (78) आदि के सरकारी स्कूलों के प्रधानाध्यापक/प्रभारी शामिल हैं।