तिरुपति मंदिर के लड्डू में मिलावट को लेकर उठा विवाद पटना पहुंच गया है। पटना के महावीर मंदिर (Patna Mahavir Mandir) में भी तिरुपति का नैवेद्यम के नाम से लड्डू की बिक्री प्रसाद के रूप में होता है। यही वजह है कि महावीर मंदिर पटना के संचालक आचार्य किशोर कुणाल ने सफाई दी है और कहा है कि हमारे मंदिर में मिलने वाले लड्डू का कोई संबंध तिरुपति मंदिर से नहीं है।
जहां तक तिरुपति मंदिर के लड्डू में मिलावट का सवाल है उसकी मुख्य वजह तिरुपति मंदिर में वर्षो से उपयोग किये जाने वाले नंदनी घी का नहीं किया जाना है। उन्होंने साफ कहा है कि तिरुपति मंदिर में निर्माण होने वाले लड्डू में वर्षों से नंदनी घी का प्रयोग होता था लेकिन कर्नाटक सरकार द्वारा नंदनी घी के दाम में वृद्धि हो जाने के कारण मंदिर प्रबंधन ने नंदनी घी की जगह दूसरे घी का प्रयोग करने लगा, जिसके कारण लड्डू के स्वाद में भी बदलाव की खबर मिल रही थी।
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दरअसल, तिरुपति मंदिर के तर्ज पर ही पटना महावीर मंदिर में नैवेद्यम लड्डू बनता है। महावीर मंदिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने दावा किया है कि पटना महावीर मंदिर में बनने वाला निवेदन प्रसाद बिल्कुल शुद्ध और स्वच्छ है। तिरुपति मंदिर के प्रसाद मिलावट और घी में जानवरों की चर्बी होने की खबर से महावीर मंदिर न्यास परिषद के सचिव आचार्य किशोर कुणाल भी आहत हैं। उन्होंने कहा कि पिछले दो-तीन साल से वहां के प्रसाद के स्वाद में गिरावट थी।
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किशोर कुणाल ने बताया कि महावीर मंदिर के लड्डू नैवेद्यम में नंदनी घी का प्रयोग आज भीकिया जा रहा है। यहां के लड्डू पहले के तरह ही शुद्ध हैं। साथ ही उन्होंने मिलावट को जघन्य अपराध बताया है। तिरुपति मंदिर के प्रसाद में मिलावट की बात सामने आने के बाद मंदिर प्रशासन ने लड्डू में इस्तेमाल होने वाले घी और अन्य सभी समान की जांच करवाई है। पटना महावीर मंदिर में नैवेद्यम लड्डू बनाने में जुड़े लोगों का दावा है नंदिनी घी से लड्डू बनाया जाता है जो पूरी तरह शुद्ध है।