बिहार के कोसी-सीमांचल और पूर्वी क्षेत्र इस समय बाढ़ की विभीषिका झेल रहे हैं। गंगा और कोसी नदियां उफान पर हैं, इनका जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। परिणामस्वरूप, दर्जनों गांव और शहर जलमग्न हो गए हैं। स्कूल, स्वास्थ्य केंद्र जैसे महत्वपूर्ण ढांचे भी बाढ़ के पानी में डूबे हैं। बांधों पर भी भारी दबाव है। इन आपदाओं के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है, और कई लोगों की जानें जा चुकी हैं।
भागलपुर में स्थिति विशेष रूप से गंभीर है। गंगा नदी का प्रचंड रूप देखने को मिल रहा है। नदी का पानी कई गांवों में घुस चुका है। स्थानीय प्रशासन को बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। कटिहार में भी कोसी नदी का विक्राल रूप देखने को मिल रहा है। नदी किनारे बसे गांवों के लोग त्राहि-त्राहि कर रहे हैं। मुंगेर में भी बाढ़ का कहर जारी है। दियारा क्षेत्र के कई गांव जलमग्न हो चुके हैं।
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोग अत्यंत कठिन परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं। भोजन, पानी, आश्रय जैसी मूलभूत जरूरतें भी मुश्किल से पूरी हो पा रही हैं। सरकार ने राहत और बचाव कार्य में तेजी लाई है, लेकिन स्थिति की गंभीरता को देखते हुए चुनौतियां अपार हैं।
लोगों से अपील की गई है कि वे सुरक्षित स्थानों पर शरण लें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।