नेपाल में हो रही भारी बारिश से बिहार में बाढ़ की संभावना बढ़ गई है। नेपाल में लगातार हो रही बारिश के कारण कोसी नदी के जलस्तर में तेजी से वृद्धि हुई है। नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। नदी के जलस्तर बढ़ाने का प्रभाव बिहार के उन क्षेत्रों में देखने को मिल रहा है जहां से ये नदी गुजरती है। वही नेपाल कोसी डैम के सभी 56 गेट खोल दिए गए हैं। वहां से 4 लाख 14 हजार 60 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया है। जिससे सुपौल के 120 गांव कोसी नदी के पानी से प्रभावित हुए हैं। प्रशासन की तरफ से अलर्ट जारी कर लोगों सुरक्षित जगहों पर जाने की आपील की है।
बागमती भी खतरे के निशान से उपर
बागमती नदी खतरे के निशान से 72 सेंटीमीटर उपर बह रही है। शिवहर जिले के नीचले इलाकों में स्थित कई गांवों में नदी का पानी घुस गया है। बागमती नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी के कारण बेलावाघाट, डुब्बाघाट और मोतनाजे में तटबंध पर दबाव बढ़ गया है। नदी का पानी पिपराही के माधोपुर, बेलवा, नरकटिया, अदौरी, बराही जगदीश, कटैया, तरियानी के तरियानी छपरा, गुलरिया और मोतनाजे समेत दर्जनों गांवों में नदी का पानी फैल रहा है। जिससे इन इलाकों में बढ़ जैसे हालत हो गए हैं।
बेतिया में भी बाढ़ का खतरा
बेतिया में भी गंडक नदी के जलस्तर बढ़ने का असर दिख रहा है। योगापट्टी के सिसवां मंगलपुर के खापटोला गांव में कटाव तेज हो गया है। भारी बारिश के कारण कई दर्जन गांव में बढ़ जैसी स्थिति बनी हुई है। एक ओर बाढ़ का खतरा तो दूसरी तरफ कटाव से लोग सहमें हुई हैं।