कोसी नदी में जलस्तर के उतार-चढ़ाव ने सुपौल जिले के सैकड़ों गांवों में बाढ़ का खतरा बढ़ा दिया है। गुरुवार रात को कोसी नदी का डिस्चार्ज 02 लाख 39 हजार 515 क्यूसेक तक पहुंच गया था, जिससे तटबंध के भीतर के कई गांव जलमग्न हो गए हैं।
बराह क्षेत्र में जलस्तर घटा, फिर भी खतरा बरकरार : जल अधिग्रहण क्षेत्र बराह में कोसी नदी का जलस्तर तेजी से घट रहा है, जिससे कोसी बराज पर पानी धीरे-धीरे कम हो रहा है। इसके बावजूद तटबंध के अंदर के पांच प्रखंडों के सैकड़ों गांवों में पानी फैल जाने से लोगों की परेशानी बढ़ गई है।
फसलों को भारी नुकसान, किसानों की चिंता बढ़ी : खेतों में लगी मक्का और मूंग की फसलें बाढ़ के पानी में डूब गई हैं, जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है।
नेपाल से आने वाला पानी बना बाढ़ की वजह : भारी बारिश के कारण नेपाल के पहाड़ी क्षेत्रों से आने वाला पानी कोसी नदी में तेजी से बढ़ रहा है, जिसका असर सुपौल जिले के निचले इलाकों पर पड़ा है और व्यापक जलभराव हो गया है।
प्रशासन की तैयारियां, 29 पंचायत बाढ़ की चपेट में : पूर्वी और पश्चिमी तटबंध के पांच प्रखंडों के 29 पंचायतों में बाढ़ का पानी घुस गया है, जिनमें से 16 पंचायत पूर्ण रूप से और 13 आंशिक रूप से प्रभावित हुए हैं। प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए हुए है और संभावित खतरे से निपटने की तैयारियां कर रहा है।
आपदा प्रभारी का बयान : आपदा प्रभारी पदाधिकारी सावन कुमार ने बताया कि शुक्रवार की सुबह से कोसी नदी के जलस्तर में कमी देखी जा रही है, जिससे कुछ राहत की उम्मीद है।
लोगों से सतर्क रहने की अपील : प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों के लोगों से सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है। बाढ़ की स्थिति को देखते हुए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।