कुढ़नी में होने वाले उपचुनाव को लेकर बिहार का सियासी पारा हाई है। सभी पार्टियों ने लगभग उम्मीदवार को लेकर अपने पत्ते खोल दिए हैं। ओवैसी की पार्टी AIMIM ने भी अपने उम्मीदवार को चुनावी मैदान में उतारा है। जिससे सबसे ज्यादा टेंशन में अगर कोई पार्टी है तो वो जेडीयू है। आज जेडीयू के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाह के एक बयान में भी इस टेंशन की झलक देखने को मिली। जिसमें वो कुढनी के वोटरों से वोट कटवा से बचने की अपील की है। उनके बयान का सीधा इशारा AIMIM पार्टी की तरफ था।
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‘वोट कटवा से सचेत रहेंगे’
उपेन्द्र कुशवाह से आज AIMIM उम्मीदवार के चुइनव में उतरने को लेकर सवाल किया गया। जिसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि हर राजनीतिक पार्टी को चुनाव में उम्मीदवार उतरने का अधिकार है। लेकिन कुढ़नी में महागठबंधन का पलरा भारी है जिसे लेकर कोई कन्फ्यूजन नहीं है। उन्होंने कहा कि AIMIM ने जिस तरह से गोपालगंज में वोट कटा उसके लिए हमलोगों को सचेत रहना है। लोगों को भी इस बात का ध्यान रखना चाहिए की कौन सी पार्टी जीतने-हराने के लिए चुनाव लड़ रही है और कौन सी पार्टी वोट कटाने के लिए चुनाव लड़ रही है। उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि हमलोग लोगों से अपील करेंगे की वो किसी वोट कटवा पार्टी के वोट ना करें।
मुस्लिम वोटों पर AIMIM की सेंधमारी
दरअसल बिहार के मुस्लिम वोटरों को राजद का कोर वोटर माना जाता है। चूँकि अभी जेडीयू और राजद दोनों महागठबंधन में हैं तो ऐसा माना जा रहा है कि ये मुस्लिम वोट महागठबंधन के उम्मीदवार को ही मिलेंंगे। लेकिन चुनाव में AIMIM की एंट्री के बाद ये तय के है कि उसके उम्मीदवार महागठबंधन के मुस्लिम वोट बैंक पर प्रभाव डालेंगे। जो महागठबंधन के लिए एक बड़ी समस्या है। बता दें कि इससे पहले भी ये खेल गोपालगंज के उपचुनाव में खेला जा चुका है। जहाँ AIMIM के चुनाव लड़ाने के कारण महागठबंधन को भारी नुकसान झेलना पड़ा था। आंकड़ों पर गौर करे तो गोपालगंज में महागाथाबंधन का उम्मीदवार बीजेपी से महज सिर्फ 1754 वोट से हारे थे। जबकि उसी जगह पर AIMIM को लगभग 12000 वोट मिले थे।