आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मियाँ तेज हो गई है। खास कर बिहार की राजनीति में इसका बड़ा असर देखने को मिल रहा है। अलग-अलग पार्टी के नेताओं के बीच हो रही मुलाकात चर्चा का विषय बनी हुई है। एक और जहां बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विपक्ष एकजुट करो के अभियानम में जुटे हुए हैं। विपक्षी दलों के नेताओं से मुलकात कर एकजुटता की मुहीम छेड़ रखी है। वहीं दूसरी ओर भाजपा भी नए सियासी समीकरण को फिट करने की जुगत में दिख रही है।
इसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से अन्य दलों की नेताओं की होने वाली मुलकात की चर्चाएँ खुब हो रह है। बीते दिनों राष्ट्रीय लोक समता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने भी अमित शाह से मुलकात की थी। इस मुलाकात में भाजपा के साथ उनकी क्या डील हुई है इस पर भी उन्होंने अपनी चुप्पी तोड़ी है।
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शाह से मुलाकात पर ये बोले कुशवाहा
अमित शाह और उपेंद्र कुशवाहा की मुलाकात को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। कुशवाहा को NDA में शामिल होने की भी अटकलें तेज हो गई है। उपेंद्र कुशवाहा ने इस मुलाकात को लेकर कहा कि ये बात साफ है कि उनसे मुलकात हुई है तो कुछ ना कुछ बात जरुर हुई होगी। मुलकात तो बातचीत करने के लिए ही होती है। साथ ही उन्होंने ये कहा कि अब मेरे और उनके बीच में क्या बात हुई है इसपर अटकलें लगाने के लिए सब स्वतंत्र हैं। समय आने पर मैं बताऊंगा की हमारी क्या बात हुई है। उनके इस बयान से के बात तो साफ है कि उनके और अमित शाह के बीच जरुर कोई डील हुई है। जिसका खुलासा वो अभी नहीं करना चाहते हैं।
नए सियासी समीकरण के संकेत
NDA में शामिल होने के सवाल पर भी उन्होंने जवाब दिया। उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि इसे लेकर जब मुझे जानकारी देनी होगी तब दे दूँगा। अभी मैं कुछ भी बताने के लिए तैयार नहीं हूँ।हालांकि उन्होनेये जरुर कहा कि नरेंद्र मोदी के सामने 2024 में कोई चैलेंज ही नहीं। उनके बहुत कुछ साफ कर दिया है। उनका झुकाव NDA की तरफ होना एक नए सियासी समीकरण बनने का संकेत है। राजनीतिक जानकारों की मानें तो भाजपा, उपेंद्र कुशवह के जरिए नीतीश कुमार के लव-कुश समीकरण को झटका देने की कोशिश में है।