जेडीयू एमलसी उपेंद्र कुशवाहा की अपनी ही पार्टी के नेताओं से खिंचतान बढ़ती जा रही है। हर नए दिन के साथ उनका रूख और ज्यादा आक्रामक होता जा रहा हैं। वो लगातार एक ही राग अलापा रहे हैं और वो ये कि जेडीयू कमजोर हो रही है। उनका ये राग जेडीयू नेतृत्व को बिलकुल भी पसंद नहीं आ रहा है। वाद-विवाद का दौर बढ़ता ही जा रहा है। मामला हिस्सेदारी मांगने तक पहुंच चुका है। उपेंद्र कुशवाहा के बगावती तेवर को लेकर जेडीयू नेतृत्व की तरफ से अभी तक कोई बड़ी कार्रवाई नहीं की गई है। वही उपेंद्र कुशवाहा अपने पक्ष को लेकर मोर्चा बंदी करने में लगे हुए हैं। इन सब के बीच उपेंद्र कुशवाहा की असली टीस सामने निकल कर आई है। उन्होंने ऐलान किया है कि वो किसी भी कीमत पर जेडीयू में ही रहेंगे। लेकिन तेजस्वी यादव का नेतृत्व कभी भी स्वीकार नहीं करेंगे।
तेजस्वी से कुशवाहा को परहेज
उपेंद्र कुशवाहा लगातार जेडीयू और राजद में हुई डील को लेकर सवाल खड़ा कर रहे हैं। वो मांग करा रहे की ये डील सार्वजनिक होना चाहिए। असल में उपेंद्र कुशवाहा नीतीश कुमार के उस बयान को लेकर काफी संकोच में हैं। जिसमें नीतीश कुमार ने 2025 में तेजस्वी यादव के नेतृत्व में चुनाव लड़ने की बात कही थी। जब नीतीश कुमार ने ये बयान दिया था तभी से उपेंद्र कुशवाहा के रुख बदले-बदले नजर आ रहे थे। उनका यही टीस अब खुल कर भी सामने आ चुका है। आज उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि उन्हें किसी भी कीमत पर तेजस्वी यादव का नेतृत्व स्वीकार नहीं है। मलतब साफ है कि वो कभी भी तेजस्वी यादव को अपना नेता मनाने को तैयार नहीं है। यही कारण है कि वो जेडीयू और राजद में हुई डील के खुलासा करने की मांग पर अड़े हुए हैं।
JDU नहीं छोड़ेंगे कुशवाहा
जब से उपेंद्र कुशवाहा ने बगावती तेवर अपनाया तभी से उनके जेडीयू छोड़ने की आशंका जताई जा रही है। ऐसा माना जा रहा कि वो जल्द ही भाजपा के साथ हाथ मिलायेंगे। खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी इसे लेकर कई बार प्रतिक्रिया दे चुके हैं। वो साफ कह चुके हैं कि उपेंद्र कुशवाहा को जहां जाना है जा सकते है। इससे उन्हें या जेडीयू को कोई फर्क पड़ने वाला नहीं है। लेकिन उपेंद्र कुशवाहा ने आज एक बार फिर साफ कर दिया की वो अभी जेडीयू छोड़ने के मूड में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें यदि जेडीयू में पांच रुपये वाला कार्यकर्ता भी बन के रहना पड़े तो रहेंगे। पर कभी भी भाजपा के साथ नहीं जाएंगे।