नीतीश कुमार महागठबंधन में क्यों शामिल हुए और भाजपा से क्यों अलग हुए, सवाल जस का तस है। नीतीश और उनकी पार्टी कहती है भाजपा उनकी पार्टी तोड़ रही थी। यही आरोप जदयू ने 2015 में भी लगाया था, जब नीतीश कुमार ने जीतनराम मांझी को कुर्सी से हटाने के लिए मुहिम चलाई। तब भी नीतीश सफल हुए, इस बार भी हुए। इसलिए जदयू सिर्फ इसलिए अलग हुआ क्योंकि भाजपा द्वारा उनकी पार्टी तोड़ने का प्रयास किया, पच नहीं रहा। वैसे इस पूरी मुहिम में ज्यादा माथापच्ची की जरुरत नहीं क्योंकि जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने पूरे मामले का खुलासा कर दिया है।
नीतीश हो सकते हैं PM कैंडिडेट : ललन
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने एकतरह से स्पष्ट कर दिया है कि नीतीश कुमार 2024 में प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार हो सकते हैं। बिहार विधान सभा में विश्वास मत हासिल करने के बाद नीतीश दिल्ली में विपक्षी दलों के नेताओं के साथ मुलाकात भी करेंगे। ललन सिंह के बयान का मतलब साफ है कि बिहार विधानसभा विशेष सत्र 24 और 25 अगस्त को होगा। इस सत्र के दौरान नीतीश कुमार बहुमत भी हासिल कर लेंगे। इसके बाद वे बिहार की राजनीति के शीर्ष पर बैठकर दिल्ली में जड़ें जमाने की कोशिश करेंगे।
एक-एक कदम बढ़ रही जदयू
जदयू इस बार नीतीश कुमार को पीएम पद का उम्मीदवार बनाने में एक-एक कदम बढ़ रही है। राजद को विश्वास में लेने के बाद जदयू नीतीश कुमार का नाम दूसरे दलों की तरफ से उठवाना चाहती है। ललन सिंह के बयान से यह भी स्पष्ट हो रहा है। ललन ने कहा कि यदि बाकी विपक्षी दलों में नीतीश कुमार के नाम को लेकर सहमति बनती है तो यह एक विकल्प हो सकता है। जदयू अध्यक्ष ने कहा है कि अब तक ऐसा कोई निर्णय नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी को अगले लोकसभा चुनाव में हराने के लिए सभा विपक्षी दलों को एक साथ बैठकर नेतृत्व पर फैसला करना चाहिए।
“भाजपा को हराने के लिए एकजुटता जरुरी”
वैसे तो ललन सिंह ने पहले ही दावा कर दिया कि भाजपा की हार के लिए जो 40 सीटें जरुरी हैं, वे बिहार, झारखंड और बंगाल से विपक्ष को मिल जाएंगी। लेकिन ललन ये भी जानते हैं कि उन्होंने बात तो 100 से अधिक सीटों वाले तीन राज्यों की है जबकि उन्हें लड़ने के लिए 16-18 सीटें ही मिलेंगी। इसलिए ललन यह भी कह रहे हैं कि भाजपा को हराने के दो विकल्प हैं। या तो सभी पार्टियां एकजुट होकर चुनाव लड़ें और नेता पर फैसला बाद में हो। या फिर नीतीश कुमार चेहरा बनें। जदयू दोनों के लिए तैयार है। मतलब ये कि इशारों-इशारों में ललन सिंह ने पीएम पद के लिए नीतीश को विकल्प तो बता दिया लेकिन इसका फैसला अभी दूसरे दलों को करने के लिए छोड़ा है।