नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार रविवार को प्रधानमंत्री पद का शपथ ली। उनके साथ ही जनता दल के पूर्व अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह (Rajiv Ranjan Singh) भी मोदी 3.0 सरकार में मंत्री पद के लिए शपथ ग्रहण किया। मुंगेर संसदीय क्षेत्र से ललन सिंह ने इस बार तीसरी जीत हासिल की है। पिछले दो चुनाव से वो यहां से लगातार जीतकर संसद गए हैं। चुनाव परिणाम सामने आने के बाद से ही उनकी दावेदारी मजबूत हो चुकी थी। ललन सिंह भूमिहार समाज से आते हैं और बिहार की राजनीति में मजबूत सवर्ण चेहरा हैं।
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बिहार के CM नीतीश कुमार के करीबी ललन सिंह चार बार के लोकसभा सदस्य हैं। एक बार राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुए थे। ललन सिंह स्नातक करने के बाद समाजवादी आंदोलन से जुड़े। ललन सिंह कॉलेज छात्र संघ के महासचिव थे और 1974 में जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व वाले आंदोलनों में इन्होंने हिस्सा लिया था। पहली बार वर्ष 2000 में राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुए।
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31 जुलाई, 2021 से 29 दिसंबर 2023 तक जेडीयू के राष्ट्रीय पार्टी अध्यक्ष के तौर पर उन्होंने अपनी सेवाएं दी हैं। इस बार जेडीयू की टिकट से ललन सिंह ने मुंगेर सीट पर लोकसभा चुनाव लड़ा था और जीत दर्ज की। मुंगेर से मौजूदा सांसद एवं जेडीयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह का मुकाबला राजद उम्मीदवार कुमारी अनीता से था।
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मुंगेर लोकसभा ने मधुलिमिये जैसा सांसद देश को जरूर दिया लेकिन केंद्रीय मंत्रिमंडल में उन्हें भी जगह नहीं मिल सकी थी। मुंगेर से कांग्रेस के देवनंदन प्रसाद यादव ने जब मधुलिमिये को हराया था तो इंदिरा गांधी कैबिनेट में उन्हें शिक्षा मंत्रालय में उपमंत्री बनाया गया था। वहीं राजद के सांसद रहे मुंगेर के सांसद जयप्रकाश नारायण यादव को मनमोहन सिंह की कैबिनेट में 2004 में राज्यमंत्री बनाया गया था। उसके बाद से मुंगेर केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने के इंतजार में ही पड़ा था जो इसबार खत्म हुआ है।