जनता दल यूनाइटेड से आरसीपी सिंह ने किनारा कर लिया है। पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष RCP Singh ने प्रदेश अध्यक्ष एक लाइन का इस्तीफा भेजा और जुबानी सैकड़ों तीर जदयू नेतृत्व पर छोड़ दिए। आरसीपी और नीतीश की जोड़ी बिहार की राजनीति में मशहूर रही है। लेकिन दोस्ती के तरानों के बाद दुश्मनी के तानों की बारी आ चुकी है। रामायण के वेश में महाभारत होने की पूरी आशंका है। शुरुआत किसने की, यह कहना तो अभी पक्का नहीं है लेकिन अंत दोनों में से कोई गुट नहीं करता दिख रहा।
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RCP ने नीतीश पर निकाली भड़ास
आरसीपी सिंह ने इस्तीफा देने के बाद अपना निशाना सीधे नीतीश कुमार को बनाया। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार को बिहार का मुख्यमंत्री बनाने में बीजेपी की अहम भूमिका है। अटल-आडवाणी की बदौलत ही नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री बने थे। नीतीश ने पक्षपात किया है। वे सात जन्मों में पीएम नहीं बन सकते।
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अब जवाब देने उतरेगा जदयू
पहले जदयू की ओर से आरसीपी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे। उसके बाद आरसीपी ने आरोपों को नकारते हुए इस्तीफा दिया। साथ ही उनका ‘वीभिषण’ रुप दिखने लगा। जिस नीतीश कुमार को वे बड़े भाई की तरह मानते रहे, उनके खिलाफ बातें कहने लगे। अब आरसीपी के इस विभीषण रूप से नाराज जदयू ने उन्हें ‘रावण’ बना देने की ठान ली है। आरसीपी के खिलाफ राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और उपेंद्र कुशवाहा प्रेस कांफ्रेंस करेंगे। ललन सिंह कागजी तौर पर मजबूत माने जाते हैं। चारा घोटाला को उजागर करने वालों में भी वो शामिल रहे थे। चूंकि आरसीपी पर भी भ्रष्टाचार का आरोप लगा है तो कागजी तौर पर उसे पुख्ता बताने की कोशिश ललन सिंह करेंगे।
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