CBI ने जिस मामले को रीओपन किया है, जो भ्रष्टाचार से जुड़ा है। इसमें लालू प्रसाद यादव के अलावा, उनके बेटे और बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के बेटियों चंदा यादव और रागिनी यादव भी आरोपियों में शामिल हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ये रेलवे प्रोजेक्ट्स के आवंटन में भ्रष्टाचार से जुड़ा मामला है। दरअसल, यूपीए के पहले कार्यकाल के दौरान लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री थे। उसी दौरान रेलवे के प्रोजेक्टस के आवंटन में उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे। इस मामले 2018 में CBI ने इस मामले की जांच शुरू की थी। लेकिन बाद में इसे बंद कर दिया गया था। इसके बाद अब इस मामले में एक बार फिर जांच शुरू हो रही है। जिसे लेकर तेजस्वी यादव की प्रतिक्रिया आई है।
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‘लालू जी का जीवन खुली किताब‘
तेजस्वी यादव ने कहा कि पहले भी इन्वेस्टिगेट लेकिन कुछ भी नहीं मिला। अब फिर से केस को रिओपन किया गया है। तेजस्वी यादव ने कहा लालू जी का जीवन खुली किताब है।हमने तो सीबीआई से पहले भी अपील की थी दफ्तर बनाना है तो हमारे घर में बना लीजिए उसके बाद जांच कीजिए। सीबीआई जांच से कोई फर्क नहीं पड़ता है। हम लोग खुली किताब की तरह हैं। पहले भी इस मामले में सीबीआई ने जांच किया था कुछ नहीं मिला था। लेकिन फिर दोबारा एक ही केस को जांच किया जा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि जितना बार जांच करना है करे कोई फर्क नहीं पड़ता है। मैं कई बार ईडी और सीबीआई के सवालों का जवाब दे चुका हूँ।
रेल जमीन लीज के लिए लालू पर घूसखोरी का आरोप
CBI जिस मामले में जांच दुबारा शुरू कर रही है, उसमें मुंबई के बांद्रा में रेल की जमीन को लीज पर देने और और नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के सुधार के काम को देने के लिए घूसखोरी का आरोप है। आरोप है कि लालू प्रसाद यादव को DLF ग्रुप की तरफ से दिल्ली में एक प्रॉपर्टी घूस के तौर पर इसके लिए दी गई थी।