राजद सुप्रीमो लालू यादव लैंड फॉर जॉब मामले में फंसे हुए हैं। इस घोटाले में नौकरी के बदले जमीन लेने का आरोप है। अब पूर्व सीएम जीतन राम मांझी का आरोप है कि जिस तरह लालू यादव के रेलमंत्री रहते लैंड फॉर जॉब स्कैम हुआ, उसी तरह नीतीश सरकार में हुई शिक्षक बहाली में मनी फॉर जॉब स्कैम हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया कि नीतीश सरकार ने आरक्षण की अनदेखी कर ‘मनी फॉर जॉब’ स्कीम के तहत अभ्यर्थियों को सरकारी नौकरियां बांटी हैं।
1.70 लाख शिक्षकों की नौकरी में गड़बड़ी के आरोप
दरअसल, बिहार में बीपीएससी द्वारा 1.70 लाख शिक्षकों की बहाली संचालित की गई है। पूर्व सीएम जीतनराम मांझी इसी नियुक्ति में गड़बड़ी के आरोप लगा रहे हैं। उनका कहना है कि BPSC शिक्षक नियुक्ति मामले की उच्चस्तरीय जांच की आवश्यकता है। आरक्षण की अनदेखी कर यह नियुक्ति रेलवे के “लैंड फॉर जॉब” के तर्ज पर “मनी फॉर जॉब” स्कीम के तहत की गई है। “पैसा दो सरकारी नौकरी लो” घोटाले की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। साथ ही मांझी ने यह भी कहा कि बिहार सरकार ने युवाओं का बेड़ा गर्क कर दिया है।
BPSC शिक्षक नियुक्ति मामले की उच्चस्तरीय जांच की आवश्यकता है।
— Jitan Ram Manjhi (@jitanrmanjhi) October 24, 2023
आरक्षण की अनदेखी कर यह नियुक्ति रेलवे के “लैंड फॉर जॉब” के तर्ज पर “मनी फॉर जॉब” स्कीम के तहत की गई है।
“पैसा दो सरकारी नौकरी लो” घोटाले की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए।
बिहार सरकार ने युवाओं का बेडा गर्क कर दिया है।
दूसरी ओर बीपीएससी द्वारा ली गई परीक्षा का परिणाम घोषित हो चुका है। 1.70 लाख पदों के लिए आवेदन मांगे गए थे लेकिन परीक्षा की प्रक्रिया पूरी होने पर सिर्फ 1.22 लाख अभ्यर्थी ही सफल हुए हैं। चयनित अभ्यर्थियों की काउंसलिंग प्रक्रिया जारी है। अगले महीने उन्हें ज्वाइनिंग लेटर देने के लिए सीएम नीतीश कुमार ने गांधी मैदान में समारोह आयोजन करने का निर्णय लिया है।