राजद सुप्रीमो लालू यादव ने आपातकाल की बरसी पर लिखा गया अपना लेख साझा किया है। शनिवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लालू यादव ने लिखा है कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उनके जैसे कई लोगों को इमरजेंसी के दौरान सलाखों के पीछे डाल दिया था, लेकिन उन्होंने कभी गालियां नहीं दीं, इंदिरा या उनके किसी भी मंत्री ने उन्हें एंटी नेशनल या देशद्रोही नहीं कहा था। उन्होंने कभी भी हमारे संविधान के निर्माता बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की यादों को मिटाने का काम नहीं किया।
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लालू ने लिखा है मैं उस संचालन समिति का संयोजक था जिसे जयप्रकाश नारायण ने तत्कालीन प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए आपातकाल की ज्यादतियों के खिलाफ आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए गठित किया था। मैं सुरक्षा रखरखाव अधिनियम (एमआईएसए) के तहत 15 महीने से अधिक समय तक जेल में था। मैं और मेरे सहकर्मी आज भाजपा के कई मंत्रियों को आपातकाल के बारे में बोलते हुए नहीं जानते थे। हमने मोदी, जे.पी.नड्डा और प्रधानमंत्री के कुछ अन्य मंत्रिमंडलीय सहयोगियों के बारे में नहीं सुना था जो आज हमें स्वतंत्रता के मूल्य पर व्याख्यान देते हैं।
इंदिरा गांधी ने हममें से कई लोगों को जेल में डाल दिया, लेकिन उन्होंने कभी हमारे साथ दुर्व्यवहार नहीं किया।’ न तो उन्होंने और न ही उनके मंत्रियों ने हमें “राष्ट्र-विरोधी” या “देशभक्त नहीं” कहा। उन्होंने कभी भी उपद्रवियों को हमारे संविधान के निर्माता बाबासाहेब अम्बेडकर की स्मृति को अपवित्र करने की अनुमति नहीं दी। 1975 हमारे लोकतंत्र पर एक दाग है लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि 2024 में विपक्ष को सम्मान नहीं मिल पा रहा है।