बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी बिहार की राजनीति से वैसे तो बाहर हो चुके हैं, लेकिन उनका मन यहीं अटका है। राज्यसभा सांसद बनने के बाद खामोश से सुशील मोदी अब फिर एक्टिव है। उनकी गतिविधियां तब से और बढ़ गई हैं, जब से नीतीश कुमार ने भाजपा को बिहार की सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाया है। अब सुशील मोदी नए साल में भविष्यवक्ता की तरह बातें कर रहे हैं। रविवार को साल के पहले दिन ही सुशील मोदी ने पूरे साल बिहार की राजनीति में क्या होगा, इसकी भविष्यवाणी की। उनकी भविष्यवाणी से भाजपा तो खुश होगी ही, लालू समर्थक भी फूले नहीं समाएंगे।
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‘कुर्सी छोड़ेंगे नीतीश कुमार’
पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी का कहना है कि नया साल उथल-पुथल के बावजूद शुभ होगा। नीतीश इस साल सत्ता तेजस्वी को सौंपने को बाध्य होंगे, एनडीए मजबूत होगा। उन्होंने ट्वीट किया है कि इस साल बिहार में नीतीश कुमार को कुर्सी छोड़नी पड़ेगी। निश्चित तौर पर तेजस्वी यादव के सीएम बनने की भविष्यवाणी सच होती है तो लालू समर्थक खुश होंगे। सुशील मोदी का यह भी दावा है कि महागठबंधन के कई लोग एनडीए से जुड़ेंगे। उन्होंने कहा कि समझौते के तहत लालू प्रसाद अब मुख्यमंत्री की कुर्सी तेजस्वी यादव को सौंपने के लिए नीतीश कुमार को बाध्य करेंगे।
शराबबंदी पर भी भविष्यवाणी
सुशील मोदी ने कहा कि सरकार को अब शराबबंदी की समीक्षा करनी ही पड़ेगी। उन्होंने कहा है कि जहरीली शराब से मौत की घटनाओं के दबाव में शराबबंदी लागू करने के तौर-तरीकों की समीक्षा के लिए बाध्य होगी। उन्होंने आशा प्रकट की कि भाजपा की मांग को स्वीकार कर नीतीश कुमार इस साल शराबबंदी से जुड़े वे मुकदमें वापस लेंगे, जिसके कारण 4 लाख लोगों को जेल जाना पड़ा। इस एक फैसले से 4 लाख लोगों का नया साल अच्छा हो सकता है। सुशील मोदी की इस भविष्यवाणी को लोग इस नजर से भी देख रहे हैं कि कहीं बिहार सरकार राज्य में शराब को परमिट दे सकती है। क्योंकि पूर्व सीएम जीतन राम मांझी और कांग्रेस जैसे सहयोगियों की भी यही राय है।
‘तेजस्वी पर मचेगी रार’
Sushil Modi ने आगे कहा कि शराबबंदी की समीक्षा करनी पड़ेगी। देश के 9 राज्यों के विधानसभा चुनावों में भाजपा फिर सरकार बनाएगी। श्री मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार ने 2025 का विधानसभा चुनाव तेजस्वी यादव के नेतृत्व में लड़ने की घोषणा से जदयू और महागठबंधन के भीतर जो बौखलाहट पैदा की, उसकी प्रतिक्रिया इसी साल देखने को मिलेगी। उन्होंने कहा कि इस साल नीतीश कुमार को हाईकोर्ट के दबाव में तथाकथित पिछड़ा वर्ग आयोग की वह रिपोर्ट सार्वजनिक करनी पड़ेगी, जो आनन-फानन में मनमाने ढंग से तैयार कर रख ली गई है।