बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रमुख लालू प्रसाद यादव के लिए लैंड फॉर जॉब मामले में मुश्किलें बढ़ सकती हैं। सीबीआई ने मंगलवार को इस मामले में 30 लोक सेवकों के खिलाफ चार्जशीट दायर की है, जबकि एक अन्य लोक सेवक के खिलाफ चार्जशीट का इंतजार है। सीबीआई ने इस मामले में अन्य आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए कोर्ट से 15 दिनों का समय मांगा है। दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने सीबीआई से आरोपियों के खिलाफ मंजूरी प्राप्त करने की प्रक्रिया में तेजी लाने को कहा है। सीबीआई ने लालू प्रसाद यादव के खिलाफ अभियोजन की मंजूरी पहले ही प्राप्त कर ली है। गृह मंत्रालय ने राजद के अध्यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी भी दे दी है। सीबीआई ने कोर्ट को इस बारे में जानकारी दे दी है।
लालू प्रसाद यादव पर आरोप है कि उन्होंने 2004 से 2009 के बीच रेल मंत्री रहते हुए नियमों का उल्लंघन करते हुए ग्रुप डी के कर्मचारियों को नौकरी देने के बदले उनकी जमीन अपने नाम पर लिखवाने के लिए दबाव डाला था। इस मामले की जांच सीबीआई और ईडी द्वारा की जा रही है। सीबीआई द्वारा 18 सितंबर को लालू यादव, उनके बेटे और बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव, तेजप्रताप यादव और अन्य आरोपियों को समन जारी किया गया था। इसके अलावा, अब इस मामले में कोर्ट ने अखिलेश्वर सिंह और उनकी पत्नी किरण देवी को भी समन भेजा है।
यह मामला पहले भी विवादों में रहा है, जब अदालत ने अधिकारियों से लालू यादव सहित 32 लोकसेवकों के खिलाफ अभियोजन की मंजूरी पर निर्णय लेने को कहा था। सीबीआई ने इस वर्ष जून में लालू यादव और 77 अन्य आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था, जिनमें 38 उम्मीदवार भी शामिल थे। अक्तूबर 2023 में अदालत ने लालू यादव, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव और अन्य को नए आरोपपत्र के संबंध में जमानत दे दी थी। इस मामले में एक दूसरा आरोपपत्र भी दायर किया गया है, जिसमें 17 आरोपियों का नाम है, जिनमें लालू यादव, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव और पश्चिम मध्य रेलवे के तत्कालीन महाप्रबंधक शामिल हैं।