सुप्रीम कोर्ट ने बीते दिनों जमीन की खरीद-बिक्री यानी रजिस्ट्री के लिए बिक्री करने वाले व्यक्ति के नाम जमाबंदी होने का जो नियम लागू किया गया था, उस पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। इसका मतलब है कि अब बिहार में बिना जमाबंदी के भी जमीन की रजिस्ट्री हो सकेगी।
नए नियम से खुशी:
इस फैसले से आम जनता, रजिस्ट्री ऑफिस के स्टांप विक्रेताओं और दस्तावेज लेखकों में खुशी की लहर है। लंबे समय बाद सुबह से ही रजिस्ट्री ऑफिस में भीड़ देखने को मिल रही है। जिन दस्तावेज लेखकों और स्टांप विक्रेताओं की दुकानों में सन्नाटा पसरा था, उनमें भी बुधवार को भीड़भाड़ दिखी।
क्या है सुप्रीम कोर्ट का फैसला:
सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें यह कहा गया था कि जमीन की रजिस्ट्री के लिए जमाबंदी होनी जरूरी है। अब बिहार में बिना जमाबंदी के भी जमीन की रजिस्ट्री हो सकती है।
कब लागू हुआ था जमाबंदी का नियम:
जमीन रजिस्ट्री में होने वाले फर्जीवाड़े को रोकने के लिए राज्य सरकार ने पहली बार 10 अक्टूबर, 2019 को जमाबंदी का नियम लागू किया था। इसके खिलाफ कई याचिकाएं हाईकोर्ट में दायर की गईं। हाईकोर्ट ने 15 दिनों के भीतर ही 25 अक्टूबर को सरकार के फैसले पर रोक लगा दी थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने 9 फरवरी, 2024 को सरकार के फैसले को सही ठहराते हुए इसे लागू करने का आदेश दिया था। सरकार ने 22 फरवरी को पत्र जारी कर इसे लागू कर दिया था।
अब क्या होगा:
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद रजिस्टार निलेश कुमार ने कहा कि फिलहाल जिनके नाम जमाबंदी हैं, उन्हीं के द्वारा बिक्री करने पर रजिस्ट्री की जा रही है। सुप्रीम कोर्ट से हाईकोर्ट और सरकार के फैसलों पर लगी रोक के बाद लोग पूछताछ करने पहुंच रहे हैं। सभी को विभागीय गाइडलाइन आने का इंतजार करने को कहा गया है।
यह फैसला उन लोगों के लिए बड़ी राहत है जो अपनी जमीन बेचना चाहते हैं, लेकिन उनके पास जमाबंदी नहीं है।