पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की उपस्थिति में स्वास्थ्य विभाग और शंकरा आई फाउंडेशन के बीच एक ऐतिहासिक समझौता हुआ है। इस समझौते के तहत अगले डेढ़ साल में पटना में देश का सबसे बड़ा और अत्याधुनिक आई अस्पताल बनेगा। यह अस्पताल न केवल बिहार बल्कि पूरे पूर्वी भारत के लिए एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य केंद्र होगा। यह आई हॉस्पिटल आधुनिक चिकित्सा उपकरणों और विशेषज्ञ डॉक्टरों से सुसज्जित होगा, जहां आंखों से संबंधित सभी प्रकार की बीमारियों का इलाज होगा। बिहार में यह अपनी तरह का पहला और सबसे बड़ा अस्पताल होगा।
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने इस समझौते को बिहार के लिए एक बड़ी उपलब्धि बताया। उन्होंने कहा कि “मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में स्वास्थ्य सेवाओं में लगातार सुधार हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी पहल की थी, जिस पर मुख्यमंत्री ने तेजी से विचार कर जमीन उपलब्ध कराई।” उन्होंने आगे कहा कि इस अस्पताल के निर्माण के बाद बिहार के लोगों को आंखों के इलाज के लिए बाहर जाने की आवश्यकता नहीं होगी। इसे बिहारवासियों के लिए एक बड़ा तोहफा करार दिया गया।
मंगल पांडे ने यह भी बताया कि राज्य सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने के लिए लगातार प्रयासरत है। उन्होंने कहा, “बिहार में 17,000 से अधिक रिक्तियों पर भर्ती प्रक्रिया चल रही है और जल्द ही नियुक्तियां पूरी होंगी।” इस समझौते के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार हर नागरिक को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए तत्पर है। इस समझौते के बाद बिहारवासियों में उत्साह है। इस अस्पताल के निर्माण से आंखों के इलाज के क्षेत्र में बिहार आत्मनिर्भर बनेगा और अन्य राज्यों से भी मरीज यहां इलाज के लिए आएंगे। डेढ़ साल के भीतर इस अस्पताल का निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य है।