मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जहानाबाद जिला के काको के रहने वाले लतीफ शम्सी साहब के निधन पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की। मुख्यमंत्री ने अपने शोक संदेश में कहा कि मरहूम लतीफ शम्सी साहब एक स्वतंत्रता सेनानी, समाजसेवी एवं साहित्यकार थे। उनके निधन से सामाजिक एवं साहित्यिक क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है। मुख्यमंत्री ने ईश्वर से प्रार्थना है कि वे उन्हें जन्नत में अहम मकाम अता करें और उनके परिवार वालों को इस अपूरणीय क्षति को सहन करने की ताकत दें।
जहानाबाद जिले के काको क्षेत्र के साहित्यिक और सामाजिक जगत के स्तंभ, जनाब लतीफ़ शम्सी साहब का कल 8 जनवरी 2025 को निधन हो गया। यह समाचार साहित्य और समाजसेवा के क्षेत्र के लिए एक बड़ी क्षति है। जनाब लतीफ़ शम्सी साहब स्वतंत्रता सेनानी, समाजसेवी, कवि, और उर्दू साहित्य की धरोहर थे। जामिया मिलिया इस्लामिया और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के प्रख्यात पूर्व छात्र, शम्सी साहब ने अपनी जिंदगी समाज की सेवा और साहित्य को समर्पित की।
उनकी उत्कृष्टता और योगदान को देखते हुए जहानाबाद जिला प्रशासन के उर्दू प्रकोष्ठ ने उन्हें ‘लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड’ से सम्मानित किया था। शम्सी साहब की रचनाएं और समाजसेवा का काम आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बने रहेंगे। उनकी विद्वता और समर्पण ने उन्हें एक महान व्यक्तित्व के रूप में स्थापित किया।
उनके निधन से साहित्य और समाज को अपूरणीय क्षति हुई है। लतीफ शम्सी स्वतंत्रता संग्राम और जयप्रकाश नारायण के आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए जाने जाते थे। इसके लिए उन्हें जेल की यातनाएं भी सहनी पड़ीं, लेकिन उन्होंने कभी सरकारी पेंशन या सुविधाएं स्वीकार नहीं की। उनका मानना था कि देश सेवा का कोई मूल्य नहीं होता।