कुछ दिनों पहले राजधानी पटना से एक मामला सामने आया था। जिसमें पटना हाईकोर्ट के वकील निरंजन कुमार पर एक इंटर्न ने छेड़खानी करने का आरोप लगाया था। जिसके बाद लड़की ने वकील के खिलाफ केस दर्ज कराया। बाद में मामला कोर्ट तक भी पहुंचा जहां इस मामले में सुनवाई हुई। कोर्ट ने बिहार स्टेट बार काउंसिल को वकील पर कार्रवाई करने का आदेश दिया था और उसकी रिपोर्ट को कोर्ट में पेश करने को कहा। साथ ही कोर्ट ने नोटिस जारी करते हुए 19 जनवरी तक वकील निरंजन कुमार से जवाब भी तलब किया है। जिसके बाद बिहार स्टेट बार काउंसिल ने आरोपी वकील निरंजन कुमार देश के किसी भी कोर्ट या ट्रिब्यूनल में वकालत करने पर रोक लगा दी है। बता दें कि इससे पहले बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने निरंजन कुमार के वकालत के लाइसेंस को सस्पेंड किया था।
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ये है पूरा मामला
दरअसल एक इंटर्न ने वकील निरंजन कुमार पर आरोप लगाया था कि सीनियर एडवोकेट ने उसे कॉल कर जल्दी ऑफिस में बुलाया। वो वहां पहुंचती तो एडवोकेट के अलावा कोई और नहीं था। इसके बाद बातचीत के दौरान एडवोकेट ने गंदी बातें शुरू कर दी। यही नहीं उसके साथ जबदस्ती करने की कोशिश की। मामला कपड़े खींचने तक पहुंच गया। इसके बाद उसने वकील को धक्का दे दिया और जैसे तैसे वहां से बचकर निकली। इंटर्न ने बताया कि एडवोकेट की नीयत खराब देखकर वह वहां से भागी। इसके बाद उसने इमरजेंसी नंबर पर कॉल कर सूचना दी।
अपने पास बिठा कर लगा लिया गले
आरोप है कि वकील ने इंटर्न को अपने पास बिठाकर गले लगा लिया। आई लव कहते हुए जब वकील गले मिला तो अपने हाथों से टच करने लगा। इंटर्न ने आगे आरोप लगाया कि गले लगाने के साथ वकील उसे दूसरे कमरे में ले जाने का प्रयास करने लगा, जहां बेड लगा हुआ था। लेकिन वो फोन पर बात करने के बहाने बनाते हुए थोड़ा दूरी हटी और अपने दोस्तों और इमरजेंसी रेस्पॉन्स सपोर्ट सिस्टम को फोन किया और भागकर नीचे आ गई। इसके बाद इंटर्न ने वकील के खिलाफ केस दर्ज कराया। जिसपर कोर्ट में सुनवाई हुई। अगली सुनवाई 19 जनवरी को होनी है। लेकिन इससे पहले आरोपी वकील निरंजन कुमार के वकालत के लाइसेंस को रद्द कर दिया गया है।